इधर सीएम का जल-जीवन-हरियाली मिशन, उधर काट डाले हजारों पेड़
पटना/मुजफ्फरपुर : जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से दो—चार बिहार में बिगड़ते पर्यावरण को संभालने के लिए शनिवार से जहां मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली मिशन की शुरुआत की वहीं बिजली विभाग ने मुजफ्फरपुर में कनेक्शन देने के नाम पर हजारों पेड़ काट दिये। मुजफ्फपुर के मुशहरी प्रखंड स्थित मणिका विशनपुर चांद पंचायत में मनरेगा के तहत लगाए गए हजारों पेड़ों को बिजली विभाग ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। यहां के ग्रामीण अब पड़े काटने के दोषियों के खिलाफ हत्या जैसा अपराध मान कर बिजली विभाग के खिलाफ मर्डर केस करने की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने की मर्डर केस चलाने की मांग
नौ वर्ष पहले मणिका विशनपुर चांद से विशनपुर मनोहर जाने वाली पक्की सड़क के दोनों तरफ मनरेगा के तहत हजारों पेड़ लगाए गए थे। पेड़ अब काफी बड़े और पर्यावरण के लिए काफी लाभदायक हो गए हैं। लेकिन सरकारी कर्मियों की अदूरदर्शिता देखिए कि कनेक्शन देने के नाम पर बिजली विभाग ने इन्हें कसाई की तरह काट डाला। इससे स्थानीय ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।
वैकल्पिक उपाय पर नहीं किया विचार
बिजली विभाग ने गांव में 14 साल पहले लघु सिंचाई विभाग के बंद पड़े नलकूप को चालू करने के लिए इन पेड़ों को काटना शुरू किया। कई पेड़ों को चार से पांच फीट तक की ऊंचाई से काट दिया गया। सरकार ने प्रदेश के सभी बंद नलकूपों तक बिजली कनेक्शन देने का निर्देश दिया था। इसी निर्देश का पालन करने के दौरान बिजली विभाग ने पेड़ों की कटाई की इस करतूत को अंजाम दिया। जल्दबाजी के चक्कर में पेड़ों को बचाने का उपाय ढूंढने की जगह उन्हें काट डालने का आसान विकल्प चुना गया।
अब यहां के ग्रामीण पेड़ काटने को हत्या के बराबर अपराध बताकर कारवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने कहा कि नलकूप चालू करने के लिए अब आगे से पेड़ नहीं काटा जाएगा। एलटी तार लगाकर नलकूप को चालू किया जाएगा। हालांकि कार्यपालक अभियंता ने बाकी बचे पेड़ को नहीं काटने भरोसा तो दिया लेकिन पेड़ काटने के दोषियों पर कार्रवाई की बात से कन्नी काट गए।