पटना : बिहार में राजद के एक पूर्व एमएलए का इस वर्ष हो रहे पंचायत चुनाव जो हाल हुआ है, उसने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की जनता में यूएसपी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल राजद से विधायक रहा लालू और का तेजस्वी का यह नेता, इसबार मुखिया का चुनाव भी बुरी तरह हार गया है। इसके बाद बिहार में राजद के डाउन ट्रेड होने पर बहस शुरू हो गई है।
अलौली में पशुपति पारस को दी थी शिकस्त
जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में राजद के टिकट पर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले चंदन राम 2021 के पंचायत निर्वाचन में मुखिया का चुनाव भी हार गए। 2015 में उन्होंने खगड़िया जिले की अलौली सीट पर लोजपा के तगड़े उम्मीदवार और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को करारी शिकस्त दी थी। लेकिन इसबार के पंचायत चुनाव में वे अपने ही गृह पंचायत के मुखिया चुनाव में पांचवें नंबर पर रहे। उन्हें अपने ही पंचायत के लोगों ने खारिज कर दिया।
मुखिया के चुनाव में 5वें नंबर पर रहे
बताया जाता है कि 2020 के विस चुनाव में राजद ने चंदन राम को बेटिकट कर दिया। इसके बाद भी श्री राम के अंदर का राजनीतिक कीड़ा कुलबुलाता रहा। इसलिए उन्होंने इसबार के पंचायत चुनाव में ही हाथ आजमाने का फैसला किया और अपने गृह पंचायत तेतराबाद से मुखिया पद के लिए खड़े हो गए। लेकिन जब वहां आज रिजल्ट आया तो चंदन राम को मुखिया पद के लिए सिर्फ 567 वोट ही मिले।