पुरी उड़ीसा – बिहार के कोने कोने लोगों के आस्था का केंद्र राजेंद्र सूरी सेवा संस्थान पूरी अवस्थित मठ में आयोजित भागवत सप्ताह के आयोजन के पांचवें दिन भी कथा श्रवण के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ी रही है। व्यास पीठ पर महामंडलेश्वर महंत श्री स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य महाराज के द्वारा भागवत कथा के दौरान राजा परीक्षित और कलयुग पर विस्तार पूर्वक व्याख्यान किया गया।
उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के बैकुंठ लौट जाने के बाद कलयुग का आगमन हुआ कलयुग एक मानव के रूप में धरती पर आया और अपने लीला रचते हुए राजा परीक्षित से रहने के लिए इजाजत मांगी राजा ने कलयुग को रहने की इजाजत दे दी कलयुग ने चार स्थान में रहने की इजाजत मिलने के बाद थोड़ी ही देर में अपनी लीला प्रारंभ कर दी राजा से स्थान मिलते ही कलयुग चला गया। लेकिन थोड़े ही देर में वापस आकर सूक्ष्म रूप धारण कर राजा के सोने के मुकुट मे प्रवेश कर गया राजा परीक्षित जब शिकार खेलने के लिए जंगल में जा रहे थे।उन्हें प्यास लगी और पानी के लिए शमित ऋषि के आश्रम पहुंचे लेकिन ऋषि ध्यान मग्न थे और राजा का जवाब नहीं दे पाय।
कलयुग से प्रभावित राजा ने शमित ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया जब उनके पुत्र श्रृंगी ऋषि स्नान कर वापस लौटे तो अपने पिता के गले में मृत सर्प को देखकर क्रोधित हो गए और राजा परीक्षित को श्राप देते हुए कहा कि सातवें दिन तक्षक नाग के द्वारा डसने के बाद राजा की मृत्यु होगी जब ऋषि का ध्यान पूरा हुआ और उन्हें इस बारे में पता चला तो ऋषि ने राजा के पास सूचना भिजवा दिया। ताकि वे सतर्क हो जाए लेकिन राजा मृत्यु के लिए तैयार थे इसीलिए अपने पुत्र जन्मेजय को राजतिलक सौंप दिया राजा ने त्याग धर्म अनुपालन करना उचित समझा।
इस दौरान व्यास पीठ पर बैठे स्वामी जी महाराज द्वारा भागवत से संबंधित अन्य कथाओं का वर्णन किया गया कथा श्रवण मुख्य यजमान संजय राय बोकारो ,नागेंद्र शर्मा गया, रमाकांत शर्मा बाघमारा धनबाद, पप्पू सिंह बाघमारा धनबाद, कमल किशोर पांडे अरवल एकरौंजा, के अलावे सैकड़ों श्रद्धालु भक्त भाग लिए राजेंद्र सूरी सेवा संस्थान परिसर में श्रद्धालु भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था महंत राघवेंद्रचार्य राष्ट्र के पदाधिकारी रामाधार शर्मा के अलावे अन्य पदाधिकारी द्वारा तत्परता पूर्वक किया जाता है जिसकी चर्चा श्रद्धालु भक्तों के जुबान पर होते रहती है।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट