यू डायस में छात्राें का डाटा देने से बच रहे प्राइवेट स्कूल, अल्टीमेटम बेअसर

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– डाटा इंट्री से आरटीई पोल खुलने का डर, सरकारी स्कूलों में 41 प्रतिशत बच्चों की हुई इंट्री

नवादा : यू डायस प्लस के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 के लिए जिले के सभी कोटि के विद्यालयों द्वारा स्टूडेंट्स प्रोफाइल मॉड्यूल का आंकड़ा प्रविष्टि किया जाना है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कई बार निर्देशित किया जा चुका है। लेकिन, स्थिति यह है कि जिले में मात्र 41 प्रतिशत विद्यार्थियों की इंट्री अभी तक पूरी हुई है। जबकि इसके लिए बीते 31 मार्च से लगातार स्कूल के प्रधानाध्यापकों एवं प्राइवेट स्कूल के संचालकों को बोला जा रहा है।

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सर्व शिक्षा अभियान के एमआईएस प्रभारी प्रमोद कुमार ने कहा कि शिक्षा हेतु एकीकृत जिला सूचना प्रणाली यू डायस प्लस के तहत बीते सत्र 2022-23 के नामांकित छात्रों के स्टूडेंट्स प्रोफाइल मॉड्यूल के इंट्री हेतु बार-बार निदेशित किया जाता रहा है, किन्तु गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस बावत बीईओ ने बताया कि लगातार सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दे रहे हैं। प्राइवेट स्कूल के संचालकों से मिल रहे हैं। लेकिन कुछ लोग सुस्ती बरत रहे हैं। सबसे ज्यादा मनमानी प्राइवेट विद्यालयों द्वारा किया जा रहा है।

बताया कि जिले में 364 रजिस्टर्ड प्राइवेट स्कूल है जिसमें ज्यादातर ने एक भी विद्यार्थी का प्रोफाइल इंट्री नहीं किया है। स्थिति है कि मनमानी स्कूल संचालक कर रहे हैं लेकिन वेतन बंद बीईओ का किया जा रहा है।

55 कॉलम में करनी है इंट्री

यू डायस पोर्टल में छात्रों का प्रोफाइल अपलोड करना आसान नहीं है। प्रधानाध्यापकों ने कहा कि कुल 55 कॉलम में इंट्री करना है। सरकारी विद्यालयों में ज्यादातर एचएम कम्प्यूटर की जानकारी नहीं रखते हैं। बताया कि बीआरसी में प्रतिनियुक्त डाटा ऑपरेटर एक नाम की इंट्री में 10 रुपये वसूल रहा है। बाजार में भी कमोवेश यही रेट है। अधिक नामांकित वाले विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के समक्ष आर्थिक परेशानी उत्पन्न हो गई है वहीं कम्प्यूटर ऑपरेटर की चांदी कट रही है।

ऑनलाइन करना है छात्रों के प्रोफाइल की इंट्री

यू डायस प्लस के पोर्टल पर पहली कक्षा से 12 वीं कक्षा के नामांकित विद्यार्थियों के प्रोफाइल की इंट्री ऑनलाइन करना है। इसमें कुल 55 कॉलम है जिसमें नाम,पिता का नाम,माता का नाम,जन्मतिथि, आधार संख्या,आधार में अंकित नाम,मोबाइल, नम्बर, ईमेल, कोटि, पता, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगता, आरटीई के तहत नामांकन है या नहीं आदि।

बताया जाता है कि प्राइवेट स्कूल संचालक प्रोफाइल अपलोड करने से इसलिए हिचक रहे हैं क्योंकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नामांकित बच्चों के बारे में सारा डेटा सरकार के पास चला जाएगा जिससे नामांकन में गड़बड़ी करने वाले विद्यालयों की पोल खुल जाएगी। लोग बताते हैं कि छात्रों के नाम इंट्री कराने के निर्देश के पूर्व विभाग द्वारा वर्गाकार छात्र संख्या मांग चुकी है।

अक्टूबर से दिसम्बर माह का समय है निर्धारित

प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रोफेसर बिजय कुमार ने कहा कि स्टूडेंट प्रोफाइल इंट्री से कोई परेशानी नहीं है। परेशानी इससे है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूल की तरह प्राइवेट स्कूल को भी कागजी कार्रवाई में व्यस्त रखना चाहते हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित होती रहे।

उन्होंने कहा कि डाटा इंट्री करेंगे लेकिन उचित समय का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि विरोध डाटा इ़ट्री करने को लेकर नहीं बल्कि समय को लेकर है। कहा कि अभी एडमिशन का वक्त है। यह अप्रैल से सितम्बर माह तक चलता है। मार्चः महीने में बच्चों की परीक्षा होती है। इसलिए विभाग इन कार्यों के लिए अक्टूबर से दिसम्बर माह का समय निर्धारित करे।

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