दो थानेदार और एक जमादार को पुलिस अधीक्षक ने रिश्वतखोरी में किया निलम्बित
एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस अवर निरीक्षक और एक सहायक पुलिस अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी को पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष ने तीनों पदाधिकारी पर रिश्वतखोरी के संगीन आरोप लगने पर उन्हें निलम्बित कर दिया।
(चम्पारण ब्यूरो)
मोतिहारी। पूर्वी चम्पारण में तीन पुलिस पदाधिकारी निलम्बित कर दिये गये हैं। निलम्बित पुलिस पदाधिकारियों में एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस अवर निरीक्षक और एक सहायक पुलिस अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी हैं। तीनों पदाधिकारियों पर रिश्वतखोरी का संगीन आरोप है। आरोप की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष ने कठोर कार्यवाई की है। उन्होंने ‘‘स्वत्व‘‘ को बताया कि पुलिस की छवि को आधात पहुंचाने वाली कोई भी कार्यवाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
रक्सौल के पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर को निलम्बित किया गया है। श्री ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने एक अनुसंधान में प्रलोभन स्वीकार कर धनराशि प्राप्त की। इसकी शिकायत चम्पारण प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण के पास पहुंची। उन्होंने पूर्वीचम्पारण के पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष से जांच रिपोर्ट की मांग की।
पुलिस अधीक्षक ने शिकायत की जांच रक्सौल एएसपी चंद्रप्रकाश करायी। जांच में शिकायत सत्य पायी गयी। जांच रिपोर्ट को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष ने डीआइजी प्रणव कुमार प्रवीण को शशिभूषण ठाकुर को निलम्बित करने की अनुशंसा भेज दी। पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा के आलोक में श्री ठाकुर को आज निलम्बित कर दिया गया। निलंबन की अवधि में पुलिस निरीक्षक श्री ठाकुर का मुख्यालय पुलिस केन्द्र बगहा में निर्धारित किया गया है।
दूसरी तरफ पूर्वीचम्पारण के ही पचपकड़ी ओपी के प्रभारी विक्रांत सिंह और जमादार बीडी सिंह को पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष ने निलम्बित कर दिया है। दोनों पदाधिकारी पर 9.5 लाख रूपये फिरौती वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं। भंडार ग्रामवासी खोदादानी ने पचपकड़ी के थाना प्रभारी विक्रांत सिंह जमादार बीडी सिंह के खिलाफ 9.5 लाख रूपये की अवैध वसूली की शिकायत का पत्र पुलिस अधीक्षक को दिया था।
शिकायत थी कि 10 जुलाई 2022 को अवेदक अपने घर पर थे। उसी दौरान पचपकड़ी ओपी के जमादार बीडी सिंह दल-बल के साथ पहुंचे। उन्होंने आवेदक का नाम पूछा और कहा कि आपको बड़ा बाबू बुलाए हैं। आप थाने चलिए। फिर हिरासत में लेकर आवेदक को थाना लाया गया। पूरी रात उसे थाने में रखा गया। 11 तारीख की सुबह आवेदक को बोलकर उसके पुत्र मो. हाशिम को फोन से बुलवाया गया। हाशिम के थाना पहुंचने के बाद उसे भी कस्टडी में ले लिया गया।
फिर खोरीपाकर निवासी बिचौलिया लाल बाबू सिंह के माध्यम से शुरू हुआ मैनेज का पुलिसिया खेल। 15 लाख की मांग की गयी। घंटों के मोल-भाव के बाद मामला 9.5 लाख में सेटल हो पाया। फिर सादा कागज पर पिता-पुत्र से हस्ताक्षर लेने के बाद कही जाकर पुलिसिया पकड़ से दोनों को मुक्ति मिल पायी। शिकायत को पुलिस अधीक्षक ने अत्यंत गंभीरता से लिया।
पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय से जांच करायी गयी। जांचोपरांत दोनों पुलिस पदाधिकारियों को आज पुलिस अधीक्षक ने निलम्बित कर दिया। पुलिस अधीक्षक डॉ0 कुमार आशीष ने बताय कि प्रलोभन और अवैध उगाही जैसे मामलों में किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद किसी को नहीं होनी चाहिए। ऐसे मामले पुुलिस में जनता के विश्वास को खंडित करते हैं।