बीडीओ ने जाते-जाते कर दिया बड़ा खेला, 107 फर्जी शिक्षकों को फिर से ज्वाइन कराने का दिया आदेश
– पूर्व के डीईओ ने सभी शिक्षकों को बर्खास्त करने का दिया था आदेश
– 2008 की रीक्ति पर 2018 में अवैध तरीके से हुआ था नियोजन
– वेतन भुगतान के दावे को डीईओ ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर किया था स्थगित
नवादा : जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के बीडीओ सत्यानारण पंडित ने जाते-जाते बड़ा खेल कर दिया। अवैध तरीके से बहाल जिन 107 प्रखंड शिक्षकों को दो साल पूर्व तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी ने बर्खास्त करने का आदेश दिया था, उन सभी को फिर से स्कूलों में योगदान करने-कराने का आदेश जारी कर दिया है। बीडीओ ने अपने पत्रांक 639 दिनांक 19.7.2022 जो कि वहां के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रेषित है, द्वारा जारी आदेश में 2008 के नियोजित शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालयों में उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज कराने और अधोहस्ताक्षरी को सूचित करने को कहा है।
बीडीओ का वारिसलीगंज से तबादला हो गया है। किसी भी दिन विदा हो सकते हैं। बीडीओ ने उक्त आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों की उपस्थ्ति व कार्रवाई को लेकर जारी एक हालिया पत्र ज्ञापांक 1933 दिनांक 12-07-22 आधार बनाया है। डीईओ के पत्र को संलग्न कर कुछ नियोजित शिक्षकों ने बीडीओ से शिकायत किया था कि उन्हें उपस्थिति बनाने से रोका जा रहा है।
बता दें कि द्वितीय चरण शिक्षक नियोजन 2008 की रीक्ति पर 2018 में नियोजित किए गए 107 शिक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश 18.8.2020 को तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी द्वारा नियोजन इकाई को दिया गया था। इस बावत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने वहां के बीडीओ को पत्राचार किया था।
नियोजन को अवैध बताते हुए कार्रवाई करने को कहा गया था। संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भी पत्र भेजा गया था, जिसमें संबंधित शिक्षकों से काम नहीं लेने और भविष्य में किसी प्रकार का वित्तीय बोझ बढ़ने पर खुद जवाबदेह होने का जिक्र पत्र में किया गया था। पत्र से साफ था कि अवैध बहाल शिक्षकों को विभाग शिक्षक मानने को तैयार नहीं है। दरअसल, अबतक यहां के नियोजन में वरीय पदाधिकारियों के हर पत्र का अपने स्तर से विश्लेषण किया जाता रहा है। यह, अनजाने में नहीं बल्कि जानबूझकर कर किया जाता है।
बता दें कि जिला अपीलीय प्राधिकार नवादा के केवल 07 शिक्षकों की नियुक्ति पर विचार के आदेश के आलोक में 107 शिक्षकों की नियुक्ति प्रखंड नियोजन इकाई वारिसलीगंज के द्वारा नवंबर 2018 में कर दी गई थी। नियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं हो रहा था। तब बिपिन कुमार, रजनीकांत सिन्हा, कुमारी सिधु रानी, शिवबालक प्रसाद यादव, नवीन कुमार, शत्रुघ्न प्रसाद तथा कमलेश चौधरी द्वारा उच्च न्यायालय में वेतन भुगतान को ले याचिका दायर किया गया था।
कोर्ट के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी नवादा ने 12 फरवरी 20 को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) तथा वारिसलीगंज के बीईओ से 2018 में किए गए नियोजन संबंधी अभिलेखों यथा 2008 के नियोजन संबंधी रोस्टर, मेधा सूची, आवेदन प्राप्ति पंजी, कार्यवाही पंजी आदि को जमा करने को कहा था। संबंधित अधिकारियों ने कोई अभिलेख नहीं दिया। अधिकारियों की उदासीनता को देख डीईओ ने अपने स्तर से गहन छानबीन की।
बीडीओ द्वारा जारी आदेश
जिसमें पाया गया था कि द्वितीय चरण 2008 में नियोजन से वंचित अनुष्का रानी, रजनीकांत, प्रियंका कुमारी प्रियदर्शिनी, सलुजा कुमारी, कुमारी सिधु रानी समेत कुल सात शिक्षकों ने शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में नियुक्ति नहीं करने की शिकायत की थी। वारिसलीगंज प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा पहले पत्र में द्वितीय चरण में रिक्ति शून्य बताई गई। बाद में नियोजन इकाई के अनुसार 107 सीट रिक्त कहा गया था। जिसके आलोक में 03 सीटों को अनुकंपा के आधार पर भरा गया। शेष 104 रिक्त सीटें थी। लेकिन 107 नियोजन अवैध तरीके से प्रखंड नियोजन इकाई 2018 में किया गया।
इस नियुक्ति में मेधा की जगह लाभ-शुभ आधार बना था। जिसके तहत नियोजन में शामिल तब के कई प्रखंड से लेकर जिला स्तर के कई अधिकारियों के रिश्तेदारों का भी नियोजन हुआ। वेतन भुगतान का मामला लटकने लगा तब वर्तमान अधिकारियों के कान खड़े हुए। डीईओ स्तर से जांच में उच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देकर नियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान की मांग को स्थगित कर सभी को हटाने का आदेश दिया गया था।
तब के डीईओ ने क्या कहा था जानिए…
– पूरी प्रकिया ही अवैध है, नियोजन इकाई को अवगत करा दिया गया है। शिक्षकों को हटाने का काम नियोजन इकाई का है।
संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी इन शिक्षकों से काम नहीं लेने को कहा गया है। नियोजन प्रक्रिया में शामिल तब के पदाधिकारियों के बारे में भी उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी
अब के डीईओ ने क्या कहा…
मैनें किसी को योगदान कराने व उपस्थिति बनाने का आदेश नहीं दिया है। जो अधिकारी ऐसा कर रहे हैं वे ही वेतन देंगे। वैसे बात संज्ञान में आई है तो अपने स्तर से देखेंगे। विरेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नवादा: