पीएफआई की गतिविधियों के केंद्र में मोतीहारी

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– बांग्लादेश की प्रतिबंधित संस्था जमात उद मुजाहिद्दीन के भी सम्पर्क में था असगर अली

मोतीहारी / चम्पारण : भारत को इस्लामिक देश बनाने के लिये पड़ोसी देश योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे है। इसका खुलासा राज्य के विभिन्न इलाकों में लगातार हो रही कार्रवाई से हो रहा है। पटना में पीएफआई के गतिविधियों का खुलासा होने के बाद पूर्वी चंपारण में हुई छापामारी से बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। कल मंगलवार को एनआईए की टीम ने पूर्वी चंपारण के ढाका में छापामारी कर मौलाना असगर अली को गिरफ्तार किया है। असगर अली ढाका नगर परिषद के वार्ड 14 केदार नगर के निजी मदरसा जामिया मारिया निशवान मदरसा में पिछले दो सालों से मौलाना के पद पर कार्यरत है। जो जिले के पलनवा थाना के सिसवनिया गांव का निवासी है।

प्राप्त सूचना के मुताबिक असगर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पढ़ाई करने के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल में मौलाना की पढ़ाई किया था। जहां वह बाग्लादेश के जमात उद मुजाहिद्दीन नामक संस्था के संपर्क में आया। इस संस्था की गतिविधि भारत विरोधी होने के कारण सरकार ने संस्था को प्रतिबंधित कर रखा है। असगर अली मुजाहिद्दीन नामक संस्था की गतिविधियों को ढाका के बड़ी मस्जिद में रहकर संचालित किया करता है। मस्जिद के जिस कमरे में असगर रहता है वह मस्जिद के इमाम मुफ़्ती मौलाना नेसार अहमद के नाम से आवंटित बताया जाता है।

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एनआईए की टीम ने मस्जिद के इस कमरे से असगर के लैपटॉप और मोबाइल को जब्त कर अपने साथ ले गयी है। जबकि मदरसा से हिरासत में लिए गए दो अन्य मौलाना को पूछताछ के बाद एनआईए की टीम ने छोड़ दिया है। एनआईए की कार्रवाई का न तो आयी टीम ने खुलासा किया है और न तो स्थानीय पुलिस मामले पर कुछ भी बोलना चाहती है। ढाका के केदार नगर में दो साल पहले स्थापित मदरसा के खुलासे से लोगो मे चिंता और चर्चा का विषय बना है।

संजय कौशिक की रिपोर्ट

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