हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव को अतिप्रिय श्रावण मास इस साल 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है जो 12 अगस्त 2022 तक रहेगा। इस महीने कई शिव मंदिरो में भोलेनाथ की पूजा और दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। श्रावण के महीने में पड़ने वाले सोमवार व्रत, कांवड़ यात्रा के साथ ही इस माह की शिवरात्रि का भी शास्त्रों में बहुत महत्व बताया गया है।
श्रावण शिवरात्रि भारतीय कैलेंडर के श्रावण महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ‘श्रावण ‘ का महीना जुलाई के अंत से अगस्त के अंत तक आता है। इस साल श्रावण शिवरात्रि का पर्व 26 जुलाई 2022, मंगलवार को पड़ रहा है। श्रावण शिवरात्रि महाशिवरात्रि की तरह बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। शांतिपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए एक दिन का उपवास रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रावण शिवरात्रि का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं श्रावण शिवरात्रि का व्रत रखकर भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन करती हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी का वरदान प्राप्त होता है।
शिवरात्रि मनाते हुए भक्त ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के अलावा ‘महा मृत्युंजय’ मंत्र का पाठ भी करते हैं। पूजा ‘निशाकाल’ या आधी रात से शुरू होती है। पूजा करने से पहले भक्त स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। भक्त दूध, घी, दही, शहद, गुड़, सिंदूर और गंगा के पवित्र जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। वे अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करते रहते हैं। श्रावण शिवरात्रि के दौरान कई भक्तों का सर्वोच्च लक्ष्य जन्म और मृत्यु के चक्र से परे जाना भी है। शिवरात्रि का यह दिन भक्तो को जीवन चक्र से ‘मोक्ष’ या ‘परम मुक्ति’ प्राप्त करने का एक रास्ता प्रदान करती है।