पटना : राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने वैसे अधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है, जो विद्यालयों का निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों को सरेआम जलील और प्रताड़ित कर अपने पद का धौंस दिखाना अपना विशेषाधिकार समझते हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए निरीक्षण जरुरी है पर हर कमी के लिए शिक्षकों को ही दोष देना सरासर ग़लत है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, भवन , पेयजल, शौचालय, बिजली,पंखा, फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक संसाधनों के अभाव के लिए जो व्यवस्था और पदाधिकारी जिम्मेदार हैं, सबसे पहले उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
राजद नेता ने कहा कि राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से बच्चों को जोड़ने एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, जिसका निर्वहन अधिकांश शिक्षक सफलतापूर्वक करते भी आ रहें हैं, परंतु राज्य सरकार के भेद-भाव पूर्ण रवैया एवं दोहरी नीति से सूबे की शिक्षक अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं। साथ ही विभिन्न स्तरों के अधिकारी किसी न किसी बहाने शिक्षकों को अपमानित करते आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही लखीसराय के डीएम ने शिक्षकों को अपमानित किया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी बच्चों को शिक्षा देना है पर उनसे वे सारे काम लिए जाते हैं, जिसे करने के लिए सरकार के पास कोई मानव संसाधन नहीं है। चाहे जनगणना हो, पशु गणना हो, किसी भी प्रकार का मतदान हो, मतगणना हो , मानव शृंखला बनाना हो , सरकारी आयोजन में भीड़ इकट्ठा करना हो , सरकार के किसी अभियान का प्रचार – प्रसार करना हो या सरकारी कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति करना हो , शिक्षकों को ही लगा दिया जाता है। पर बकाये वेतन के लिए भी उन्हें महीनों प्रतीक्षा करना पड़ता है। फिर भी सबके टारगेट पर शिक्षक ही रहता है।