उग्र आंदोलन को लेकर कोचिंग संस्थानों की भूमिका पर डीएम की नजर, मोबाइल टॉवर के आधार पर 700 की पहचान…

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पटना : बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में हुई हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है। आज शनिवार को पुलिस ने कहा कि वह राज्य में केंद्र की सेना भर्ती के लिए लाये गए “अग्निपथ स्कीम” के खिलाफ हिंसक विरोध को भड़काने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने यह भी कहा कि उपद्रव करने वाले 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जिनमें से 46 को दानापुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप मिले संदेश

डीएम ने आगे कहा कि दानापुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ के पास से कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप संदेश मिले हैं। “हम उस सामग्री के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं। कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल शांति बहाली के लिए विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। बिहार बंद को ध्यान में रखते हुए हम सभी छात्रों और उनके समर्थकों से राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की अपील करते हैं।

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टॉवर लोकेशन के आधार पर 700 लोगों की पहचान

वहीं दूसरी ओर वीडियो फुटेज और कई इलाकों के डंप कराए गए मोबाइल टावर डेटा के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि इसके जरिए करीब 700 उपद्रवियों की पहचान की गई है। पुलिस मुख्यालय समस्तीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, लखीसराय सहित कई जगहों पर नजर रख रहा है। अब इन नंबरों को सत्यापित कर संबंधित व्यक्ति तक पहुंचने की तैयारी में भी पुलिस टीम जुट गई है। गुरुवार को ही बिहार पुलिस के ADG लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा था कि भोजपुर, बक्सर, सारण सहित जिन जिलों में सेना बहाली के लिए लोग सबसे अधिक तैयारी करते हैं, वहां एक्सट्रा फोर्स दिए गए हैं। मगर, इनकी तैनाती कम पड़ गई। शुक्रवार को पुलिस का सारा अनुमान फेल हो गया।

RRB और NTPC उग्र प्रदर्शन में भी थे शामिल

इस आंदोलन में शामिल टीम के बारे में यह भी बताया गया है कि आज से छह महीने पहले जनवरी महीने में RRB और NTPC में वेकैंसी को लेकर जो उग्र प्रदर्शन किया गया था। उस टीम के लोग भी इसमें शामिल हैं, यह वीडियो फुटेज और कई इलाकों के डंप कराए गए मोबाइल टावर डेटा से स्पष्ट हो पाया है और इसी मोबाइल टॉवर लोकेशन के आधार पर 700 लोगों की पहचान की गई है। हिंसा पर ADG लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा कि FIR हुई तो अग्निपथ क्या किसी भी पथ के लिए भविष्य नहीं बचेगा। इसलिए बेहतर होगा कि युवा कानून को अपने हाथ में न लें।

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