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बिहार में तेजी से फल – फूल रहा ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग, मलाई खाने में लगे हैं बड़े लोग

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भू-अभिलेख और राजस्व विभागों के 149 अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति रद्द करने के एक दिन बाद, राजद ने डबल इंजन एनडीए सरकार की खिंचाई की।

राजद ने कहा कि बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग फल-फूल रहा है। यहां हर साल जून और दिसंबर के महीनों के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और यह शुक्रवार को साबित हुआ जब नीतीश कुमार ने 149 अधिकारियों की तबादला-पोस्टिंग रद्द कर दी। राजद ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार में यह एक खुला रहस्य है कि स्थानांतरण के लिए रिश्वत ली जाती है।

दरअसल, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग फल-फूल रहा है। उन्होंने कहा कि न केवल संबंधित विभागों का प्रभार संभालने वाले राम सूरत राय, बल्कि हर विभाग की स्थिति एक जैसी है। इससे पहले खुद भाजपा के विधायक यह आरोप लगा चुके हैं कि यहां तबादला-तैनाती के लिए हर विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, तिवारी ने कहा कि उनके नेता तेजस्वी यादव ने भी विधानसभा में तबादलों और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का उल्लेख किया है।

इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा विधायक गोपाल नारायण सिंह ने दावा किया था कि भाजपा और जद (यू) बिहार में एक बेमेल गठबंधन है और यदि ऐसा है तो वे एक साथ सरकार क्यों चला रहे हैं ? उन्होंने कहा, ‘भाजपा और जदयू सरकार में ‘मलाई’ खाने के लिए हैं। इधर, RJD के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार में इस तरह के भ्रष्टाचार के सामने आने के बाद, नीतीश कुमार को राम सूरत राय को सरकार से बाहर कर देना चाहिए।

गौरतलब हो कि, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री की सिफारिश पर भूमि सुधार एवं राजस्व विभागों के 149 अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन को रद्द कर दिया। बताया जाता है कि जिनका तबादला किया गया उसमे कई में नियमों की अवहेलना की गई है। नियम के अनुसार, अंचलाधिकारी का तबादला अंचल में तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद किया जाता है लेकिन इस बार वैसे लोग भी सूची में शामिल थे, जिन्होंने एक अंचल में तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।