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बकरे को मालिक से हुआ प्यार, मालिक ने बख्स दी जान, तोता भी है बहुत ख़ास

नवादा : बकरे को हो गया अपने मालिक से प्यार, तब मालिक ने बख्स दी बकरे की जान। यह बात सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा है। लेकिन सच है। गोलू नाम के इस बकरे और उनके मालिक सुरेन्द्र प्रसाद के प्यार की चर्चा इन दिनों घर घर में हो रही है। हर दिन लोग दोनो के प्यार को देखने के लिए कुंजैला गांव उनके घर पहुंच रहे हैं। कुंजैला गांव निवासी सुरेन्द्र प्रसाद को पशु-पक्षी पालने का खूब शौक है।

मिला खूब प्यार

इसी क्रम में इन्होंने अपनी बकरी के एक बच्चे को इतना प्यार दिया कि बकरा मालिक का दीवाना हो गया। बकरा अब मालिक के बिना एक पल भी नहीं रह सकता है। खाना, घूमना और सोना बकरा मालिक के साथ करता है। प्यार का हद तो यह है कि बकरा खाट पर मालिक के साथ सोता है।

कुत्ते की तरह है वफ़ादार

जिस प्रकार कुत्ता मालिक के साथ घूमता है। बकरा हमेशा मालिक के साथ ही घूमता रहता है। इसे बांधने के लिए गले में कभी ररसी नहीं लगती। स्वत्रन्त्र रूप से घर में इधर- उधर विचरण करते रहता है। सुरेन्द्र घर के बाहर जैसे ही निकलना चाहते हैं, बकरा उनसे पहले ही दरवाजे पर हाजिर हो जाता है।

घर में नहीं फैलाता है गंदगी, मलमूत्र के लिए जाता है घर के बाहर

आश्चर्य की बात यह है कि खेतों की पगडंडी पर जब यह बकरा मालिक के साथ चलता है तो खेतों में लगी फसल को नहीं खाता है। इतना ही नहीं घर में मलमूत्र भी त्याग नहीं करता है। आवश्यकता पड़ने पर घर से बाहर चला जाता है। इसलिए यह घर के अन्य सदस्यों का दुलारा बना हुआ है। आसपास के इलाके में गोलू बकरा और इसके मालिक की घर घर चर्चा हो रही है।

तोते में भी है ख़ासियत

लोग इन दोनों को देखने के लिए इनके घर पहुंच रहे हैं। सुरेंद्र कुमार ने अपने घर में एक तोता भी पाल रखा है। जिसे वह रोज सुबह पिंजरे से निकाल देते हैं। तोता दिनभर आसमान में विचरण करता है और शाम को पुनः घर वापस आ जाता है।

न तो बकरे को काटेंगे और न किसी को बेचेंगे

सुरेन्द्र कहते हैं कि जब मुझे जरूरी काम से कहीं बाहर जाना होता है तो मुझे गोलू से छुप कर घर से निकलना पड़ता है। मेरे साथ हमेशा साये की तरह रहता है। बकरे के अटूट प्रेम के वशीभूत होकर मालिक ने कहा कि अब वह न तो इस बकरे को काटेंगे और न ही किसी दूसरे के यहां बेचेंगे। मैंने इसकी जान बख्स दी है।