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उत्कृष्ट विधायक पर विमर्श से जदयू नदारद, अघोषित बहिष्कार पर सियासी उबाल

पटना : उत्कृष्ट विधायक को लेकर विमर्श जैसे मुद्दे पर बिहार विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति निराशाजनक रही। वहीं एनडीए भी बंटा हुआ दिखा। केंद्र सरकार द्वारा सेना में बहाली को लेकर शुरू की गई अग्निपथ योजना का राजद के नेतृत्व में प्रतिपक्ष के विधायक विरोध कर रहे है। राजद ने 28 जून 2022 को बिहार विधानसभा नहीं चलने दी। विधायकों के शोरगुल में कई महत्वपूर्ण प्रश्न दब गए। दोपहर बाद सामान्य लोकहित के विषय पर विमर्श होना था। संजय सरावगी ने प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 43 के तहत उत्कृष्ट विधानसभा एवं उत्कृष्ट विधायक के स्वरूप निर्धारण से संबंधित विषय पर विमर्श का प्रस्ताव रखा।

सरावगी के प्रस्ताव रखते ही चले गए जदयू विधायक

विधानसभा में संजय सरावगी द्वारा जैसे ही यह प्रस्ताव रखा गया त्यों ही सत्तारूढ़ गठबंधन के जदयू विधायक सदन छोड़कर चले गए। यह एक प्रकार से अघोषित बहिष्कार ही था। विधानसभा में विधायकों की बहुत कम संख्या देख अध्यक्ष ने इस विषय पर विमर्श के प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया। जदयू के विधायकों के इस अप्रत्याशित व्यवहार को लेकर सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे भाजपा व जदयू के बीच बढ़ रही दूरी का संकेत मान रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि विधायिका व जनप्रतिनिधियों की छवि को लेकर नए नैरेटिव प्रस्तुत करने के विधानसभा अध्यक्ष के इस सतत प्रयास व पहल के कारण जदयू का शीर्ष नेतृत्व असहज है। इसीलिए जदयू के विधायकों ने सदन से बाहर निकलकर एक संदेश दिया है।

बिहार एनडीए गठबंधन में फिर खटपट की खबरें

वैसे तो आज तीसरे दिन भी प्रतिपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने पर अड़ा था व बैठक का बहिष्कार भी किया था। लेकिन, सत्तारूढ़ गठबंध के जदयू विधायक सरकार के आवश्यक कार्य व प्रस्तावों के समय सदन में उपस्थित थे। भोजनावकाश के बाद जदयू के विधायक सदन में उपस्थित हुए। लेकिन संजय सरावगी ने ज्योही उत्कृष्ट विधायक से संबंधित प्रस्ताव रखना शुरू किया, जदयू के विधायक सदन से बाहर जाने लगे। विधायकों की कम संख्या देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।