विप में उठा कैंसर का मुद्दा, मंत्री ने कहा – जल्द लेंगे बड़ा निर्णय
पटना : बिहार में कैंसर की रफ्तार डराने वाली है। वर्ष 2022 में राज्य के अंदर कैंसर मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। पटना के सबसे बडे़ कैंसर हॉस्पिटल में एक साल में लगभग 26 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं जो एक रिकार्ड संख्या है। पुरुष व महिलाएं सहित बच्चे भी कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। इसी बीच बिहार बिहार विधान परिषद में 28 जून 2022 यानी मंगलवार को कैंसर के बढ़ते रोगियों को लेकर सवाल उठाया गया।
दरअसल, मंगलवार को बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ प्रमोद कुमार ने सवाल उठाया कि खभैनी गांव में 1 साल के अंदर लगभग 15 लोगों की मृत्यु केंसर होने के कारण हुई है। यदि सरकार इस गांव में कैंसर होने के कारणों का जांच कराना चाहती है, ताकि गांव में लोगों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जाए तो यह कब तक संभव होगा यदि और नहीं करवाना चाहती है तो इसका क्या कारण है।
जिसके जवाब में हर सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि दिनांक 26 मार्च 2022 को गैर संचारी रोग पदाधिकारी के नेतृत्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हर्बल के चिकित्सकीय दल एवं होमी भाभा कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के दल द्वारा खभैनी गांव में जांच करवाई गई। एनसीडी स्क्रीनिंग के दौरान 30 वर्ष से ऊपर 362 व्यक्तियों का सीबीएसई फॉर्म भरते हुए स्क्रीनिंग की गई जिसमें 8 लाभार्थियों को संभावित कैंसर से रेफर होमी भाभा कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के आए हुए चिकित्सकीय दल के पास भेजा गया। होमी भाभा कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट से आए हुए चिकित्सकीय दल के द्वारा रेफर किया गया लाभार्थियों का कैंसर से पीड़ित मरीज चिन्हित नहीं किया गया वर्तमान में 3 मरीज कैंसर रोग से पीड़ित है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में खभैनी गांव में ग्रामीणों में भय नहीं है और ना ही पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं और उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्ष में इस गांव में कैंसर रोगों से मात्र 9 लोगों की ही मृत्यु हुई है ना कि 15 लोगों की।
बता दें कि, अरवल जिले के सदर प्रखंड के सोन नहर किनारे बसे खभैनी गांव को पिछले एक साल से कैंसर ने अपनी चपेट में ले रखा है। एक दर्जन से अधिक लोगों की इस अवधि में मौत हो चुकी है। यहां एक दर्जन से अधिक लोगों की इस अवधि में मौत हो चुकी है। इनमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर से लेकर दिमागी कैंसर, फेफड़े का कैंसर और ब्लड कैंसर के कई अलग-अलग प्रकार के मरीज हैं। मगर यह जानलेवा रोग क्यों इस गांव के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा इसकी वजह का पता नहीं चल पा रहा है। जिसके बाद यहां के पानी को जांच के लिए भेजा गया।