बिहार भाजपा और जदयू के शीर्ष नेताओं को सुमो की नसीहत, आरोप-प्रत्यारोप से खराब हो रहा राज्य का माहौल
पटना : बिहार के सत्तारूढ़ दलों के आपसी झगड़े पर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने भाजपा और जदयू के शीर्ष नेताओं को नसीहत देते हुए ट्वीट कर कहा कि बिहार में एनडीए घटक दल के राज्यस्तरीय शीर्ष नेताओं से अपील है कि एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद किया जाये। किसी भी मसले पर सार्वजनिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के बजाय मिल बैठकर समाधान निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से अग्निवीर, कानून-व्यवस्था, जनसंख्या-नियंत्रण, शिक्षा व्यवस्था जैसे मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप से राज्य का माहौल खराब हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि राजद-कांग्रेस से लड़ने के बजाय एनडीए के लोग आपस में लड़ रहे हैं।
इसके आगे सुमो ने कहा कि किसी एक विभाग की सफलता या विफलता के लिए केवल उस विभाग का मंत्री ही जिम्मेवार नहीं होता है बल्कि पूरी सरकार की जिम्मेवारी होती है। बिहार सरकार बहुत बेहतर काम कर रही है। ऐसी कोई भी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे राजद-कांग्रेस को मजबूत होने का मौका मिले।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के सत्तारूढ़ दलों के आपसी झगड़े को लेकर कहा कि इनका झगड़ा राज्य हित में नहीं बल्कि व्यक्तिगत हितों को लेकर है जिससे केवल और केवल जनता और बिहार का नुक़सान है। बिहार ने इन्हें 40 में से 39 लोकसभा सांसद दिए अगर इनमें राज्यहित की भावना, नैतिकता और जज़्बा होता तो बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज जैसे अहम मुद्दों के लिए क्या ये केंद्र सरकार से नहीं लड़ते?
विशेष राज्य का दर्जा, बिहार के लिए विशेष पैकेज, लगातार बढ़ता पलायन, बिहार में उद्योग धंधों की कमी और बेरोजगारी को भाजपा बस चुनावी मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल करती हैं लेकिन सत्ता में आते ही ये ज्वलंत मुद्दे भूल जाते है और ध्यान भटकाने के लिए अपनी नूराकुश्ती में लग जाते हैं। ये अपने 17 वर्षों का रिपोर्ट कॉर्ड जारी क्यों नहीं करते?