महात्वाकांक्षी योजनाओं के सफल संचालन से देश में स्थापित किया नया कीर्तिमान
पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने आठ सालों में न सिर्फ भारत का नाम दुनिया में रोशन किया, बल्कि भारत को सामाजिक और आर्थिक रूप से समृद्ध किया। आदरणीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का आलम यह है कि विकसित और शक्तिशाली देश भी उम्मीद भरी नजरों से भारत की ओर टकटकी लगाये रहता है।
अपने आठ साल के कार्यकाल में आधी आबादी को उनका हक और विकास की दौड़ में हाशिये पर रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगां एवं युवाओं की तरक्की के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया और उनके लिए संभावनाओं के द्वार खोले। आठ साल के दौरान एनडीए सरकार ने सामाजिक ताना-बाना को मजबूत किया और हर तबके, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लिए कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए, जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
पांडेय ने कहा कि पहले गरीब लोगों को बैंक जाने में हिचकिचाहट होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने जन धन योजना के माध्यम से सबसे नीचले पायदान के लोगों का भी बैंक में खाता खुलवा, उन्हें योजनाओं की राशि सीधे बैंक में भिजवाया। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए 81 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज और सर पर पक्की छत के अलावे आर्थिक रूप से संपन्न बनाया। किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीन किस्त में नौ करोड़ से ज्यादा किसानों को छह हजार की राशि प्रति वर्ष डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी गई।
31 मई को किसानों के खाते में इसकी ग्याहरवीं किस्त भेजी जायेगी। इस दौरान न सिर्फ देश, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया और इसका परिणाम है कि दूध उत्पादन में देश आज विश्व में नंबर एक पर है। पशुपालन का भी सलाना कारोबार करीब नौ लाख 50 हजार करोड़ का है। साथ ही सहकारी संस्थाओं को देश-दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने उनको करो में राहत दी।
मंगल पांडेय ने कहा कि 2017 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत कर गरीब महिलाओं को प्रदूषण से मुक्ति दिलायी और अब तक देश में करीब नौ करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया। हर घर शौचालय, नल का जल और बिजली का कनेक्शन देकर ऐसे लोगों को समाज में मुख्य धारा में लाकर सम्मान देने का काम किया, जिसकी परिकल्पना किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं की थी। गरीबों की सेहत को ध्यान में रखने हुए पांच लाख तक की स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की और स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार कर कई मेडिकल कॉलेज खोले गए। नई शिक्षा नीति पर प्रभावी कदम उठाते हुए कई शिक्षण और तकनीकी संस्थान खोलने के साथ-साथ कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को दक्ष कर अवसर दिलाने का काम किया गया।