अनुमंडल अस्पताल में प्रसव के दौरान परिजनों से जीएनएम के द्वारा जबरन वसूले जा रहे रुपए

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नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली अनुमंडल 75 शैय्या वाले अनुमंडल अस्पताल में तड़पती प्रसूताओं के परिजनो से अवैध वसूली का खेल काफी समय से जारी है। अस्पताल प्रबंधन रोक नहीं लगा पाने में विफल रहा है। इस प्रकार की शिकायत सामने आई है। प्रसूता वार्ड में रहने वाले मरीजों के परिजनों ने बताया कि हरेक प्रसूता से अवैध वसूली यहां पर तैनात जीएनएम के द्वारा की जा रही है।

अस्पताल में जीएनएम एवं आशा कार्यकर्ता प्रसव के दौरान बगैर नजराने के प्रसूता का इलाज तो दूर उसे अस्पताल से रिलीज भी नहीं करते हैं।प्रसूता की परिजनों के इस शिकायत ने स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अनुमंडलीय अस्पताल में जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसव व इलाज मुफ्त करने के दावे की पोल खोलकर रख दी। प्रसूता के परिजनों की मिन्नतों के बाद भी उसने नहीं सुनी और गरीब विकलांग महादलित परिजनों से 2500 रुपए लेकर ही मरीज का इलाज किया गया।

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थाना क्षेत्र के अमावां पूर्वी पंचायत अंतर्गत बंधन छपरा गांव के रामअवतार राजवंशी ने बताया कि वह अपनी गर्भवती पुत्री आरती कुमारी उर्फ पुष्पा देवी को प्रसव के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया था।उसके बाद प्रसूता की डिलीवरी 11:00 बजे दिन में हो गई और जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। बावजूद जीएनएम कंचन देवी एवं नीतू कुमारी के द्वारा बोला गया कि हम लोग इतना मेहनत किए हैं,इसलिए दो हजार रूपये दो।जबकि मेरी गर्भवती पुत्री आंखों से विकलांग थी।

पैसा देने में असमर्थता जाहिर किया गया तो वे लोग बच्चा बिमार है, इलाज नहीं करेंगे कहने लगे।जिसके कारण उन्हें दो हजार रूपये दे दिया।कुछ देर बाद पुनः वे लोग कुछ कागजात पर साइन करने के नाम पर 500 रूपये जबरन ले लिया और बोली कि अब सारा काम हो गया है। आपका जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है। पैसा नहीं देने पर दो घंटे से ज्यादा समय तक प्रसूता वार्ड के बाहर परिजनों को जीएनएम ने इंतजार करवाया।

बताते चलें कि अनुमंडलीय अस्पताल में जीएनएम एवं आशा के द्वारा रुपए की वसूली का यह खेल कोई नया नहीं है। उनके द्वारा लगातार गर्भवती महिलाओं के परिजनों से रुपए की वसूली की जाती है। जो पैसे नहीं देते हैं, उनके मरीजों को दलालों के हाथ से निजी क्लिनिकों में भेज दिया जाता है। जहां से उन्हें इलाज के उपरांत वसुल की गई राशि में 30% के रूप में राशि झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा दिया जाता है।

इसकी पोल भी पिछले दिनों आकाश क्लिनिक, अपोलो क्लिनिक, पांडे नर्सिंग होम, मां शारदा नर्सिंग होम, संजीवनी नर्सिंग होम में झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा गलत ऑपरेशन किए जाने के बावजूद प्रसूता की मौत होने पर परिजनों ने पोल खोल दी है।कई मामलों में थाने में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई गई।बावजूद ऐसे फर्जी क्लिनिको में यहां की जीएनएम एवं आशा मरीजों को बहला-फुसलाकर रुपए के लालच में पहुंचा दे रही हैं।और उनके आर्थिक स्थिति के साथ-साथ जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

अनुमंडलीय अस्पताल में प्रभारी उपाधीक्षक की तैनाती है। बावजूद उनके नाक के नीचे इस प्रकार का खेल खेला जा रहा है। अब देखना है कि पीड़ित के द्वारा लिखित शिकायत देने के बावजूद किसी प्रकार की कारवाई होती है या फिर जांच के नाम पर मामले की लीपापोती की जाती है। अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी लिखित शिकायत हायर अथॉरिटी के पास की जाएगी।निश्चित तौर पर पैसे लेने वाली जीएनएम के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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