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शराबबंदी कानून में संशोधन ने लोगों को उलझाया, शराबबंदी में फेल हुई नीतीश सरकार

पटना : सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। जिसके अंतर्गत यदि बिहार में कोई भी व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए गिरफ्तार होता है तो उससे सिर्फ 2 हजार या पांच हजार जुर्माना वसूल कर के छोड़ दिया जाएगा। लेकिन नीतीश सरकार के इस फैसले पर बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सवाल उठाया है।

यादव ने कहा कि जब कोई कानून सफलता पूर्वक लागू नहीं होता है, तब उस कानून में ही संशोधन कर दिया जाता है। शराबबंदी कानून में तो बार-बार संशोधन हो रहा है। नीतीश जी की सरकार बिहार को नशा मुक्त करने और शराबबंदी लागू कराने में फेल हो रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि शराबबंदी के बाद भी बिहार में लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो रही है। बिहार में शराबबंदी के बाद भी अन्य प्रदेशों से शराब लाये जा रहे हैं और बिहार में तो इसकी होम डिलीवरी की जा रही है। इस कानून ने लोगों को अधिक उलझा रखा है। किसी भी कानून को कड़ाई से पालन कराना पुलिस प्रशासन की ड्यूटी थी लेकिन वे भी इसमें फेल साबित हो रहे हैं।

बता दें कि नीतीश सरकार ने सोमवार को हुए कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून संशोधन नियमावली को मंजूरी दे दी है। सरकार ने कुछ दिन पहले ही विधान मंडल से शराबबंदी कानून में पास कराया था। कानून में संशोधन कर ये फैसला लिया गया कि पहली दफा शराब पीने वालों को सरकारी मजिस्ट्रेट के पास पेश कर जुर्माना लेकर छोड़ दिया जायेगा।