राज्य छोड़ अब इस सभा में जाना चाहते हैं मुख्यमंत्री नीतीश
पटना : अपने भविष्य की राजनीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वेसर्वा नीतीश कुमार ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में दिल की बात कही है। पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया कि क्या वे फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई इरादा नहीं है। अभी जो हम दौरा कर रहे हैं, वह एकदम निजी दौरा है। यह 2019 में ही होना था, लेकिन कोविड-19 के कारण नहीं हो पाया। इसके बाद अभी मौका मिला है, तो अभी हम इसे पूरा कर रहे हैं।
वहीं, जब मुख्यमंत्री से भविष्य की राजनीति को लेकर पत्रकारों ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि देखिए हम केंद्र ने राज्य मंत्री रहे, कैबिनेट में मंत्री रहे और कई वर्षों से बिहार में मुख्यमंत्री हैं। बस राज्यसभा नहीं गए हैं, इच्छा है एक बार राज्यसभा जाने की। लेकिन, ऐसा तभी होगा जब मुख्यमंत्री पद से मुक्ति मिलेगी।
नीतीश के इस बयान के बाद यह चर्चा होने लगी कि मुख्यमंत्री जब भी कोई बात कहते हैं, तो उसमें बड़ा संदेश छिपा होता है। संयमित होकर बोलने वाले नीतीश कुमार ने जिस तरीके से राज्यसभा की बात कही है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा कहने के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई है कि हाल के दिनों में भाजपा और जदयू के बीच जिस तरह की चर्चा है, वैसे में मुख्यमंत्री का यह बात काफी मायने रखता है।
हाल के राजनीतिक घटनाओं की बात करें, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के निर्णय का ज्यादा विरोध नहीं कर रहे हैं। चाहे वह विधानसभा अध्यक्ष के साथ तल्खी का मामला हो, उसमें भी नीतीश कुमार अपने तरीके से समझौता किए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई। वहीं, अपने कैबिनेट से भाजपा के कहने पर मुकेश सहनी को हटाया गया और अब भाजपा के कहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोचहां में एनडीए प्रत्याशी बेबी कुमारी के प्रचार में भी जाएंगे।