केंद्रीय विद्यालय में अविलम्ब समाप्त हो सांसद एवं जिलाधिकारी/आयुक्त का 29,096 का कोटा- सुशील कुमार मोदी

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इस कोटे के कारण अनुसूचित जाति/ जनजाति/ पिछड़ा वर्ग 50% आरक्षण से वंचित

इस कोटे के कारण सांसदों का जीवन दूभर, सैकड़ों लोगों की नाराजगी का होना पड़ता है शिकार

पटना : राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मांग की कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रत्येक सांसद का 10 सीटों का ऐच्छिक कोटा तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के नाते जिलाधिकारी / आयुक्त का 17 सीटों का कोटा अविलम्ब समाप्त किया जाना चाहिए क्योंकि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था, पारदर्शिता, योग्यता के सिद्धांत के विरुद्ध है।

सुशील मोदी ने बताया कि अनुसूचित जाति/ जनजाति/ पिछड़ा वर्ग का 50% का कोटा भी इसमें लागू नहीं है। सांसद के 7880 एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष का 21,216 यानि कुल 29,096 सीटों में किसी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं है। इस प्रकार 15 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति/ जनजाति/ पिछड़े वर्गों के छात्र अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो रहे हैं।

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सुमो ने बताया कि इस 10 कोटा के कारण सांसदों को जनता की नाराजगी का कोपभाजन बनना पड़ता है क्योंकि सैकड़ों लोग निराश होकर लौटते हैं। सांसदों का जीना दूभर हो गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपना असीमित कोटा समाप्त कर दिया है जबकि उनके पूर्व के शिक्षा मंत्री की अनुशंसा पर 2020-21 में 12,295 छात्रों का नामांकन हुआ था।

मोदी ने कहा कि वे कोटा बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं बल्कि समाप्त करने के पक्ष में हैं क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सांसद/ विधायक/ मंत्री के पास किसी प्रकार का स्वैच्छिक कोटा नहीं होना चाहिए।

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