हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला सराहनीय, हिजाब पहनना इस्लाम का मूल हिस्सा नहीं- सुशील मोदी

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पटना : कर्नाटक हाईकोर्ट ने ‘हिजाबी’ दलील को पूरी तरह खारिज करते हुए स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन को जायज करार दिया था। ​कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम की आस्था का हिस्सा मानने से साफ इनकार करते हुए वहां निर्धारित ड्रेस पहनने का ही आदेश दिया था। इस संबंध में कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी की छात्राओं ने एक याचिका दायर कर राज्य सरकार के बैन को चुनौती दी थी।

कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ड्रेस कोड वाले शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के हिजाब पहनने के बजाय संस्थान के नियमों का पालन करने के मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ का निर्णय स्वागतयोग्य है। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हिजाब पहनना इस्लाम का मूल हिस्सा नहीं है। ड्रेस कोड वाले शिक्षा संस्थानों से बाहर कहीं भी किसी के धार्मिक पहनावे पर कोई रोक नहीं है।

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सुमो ने कहा कि हिजाब से पहले भारत की धर्मनिरपेक्ष न्यायपालिका ने फौरी तीन तलाक और तलाकशुदा मुसलिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के मुद्दे पर भी जो ऐतिहासिक फैसले सुनाये, वे मानवीय और प्रगतिशील थे। इन सभी फैसलों में इस्लाम की मूल भावना की रक्षा की गई। अब हाईकोर्ट के फैसले को कुबूल कर सभी वर्गों की छात्राएँ यदि अपना सारा ध्यान पढाई पर लगाएँ तो कर्नाटक और पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा ।

भाजपा नेता ने कहा कि हिजाब प्रकरण पर कर्नाटक हाईकोर्ट के सर्वसम्मत निर्णय को जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, उनकी असली मंशा इस मुद्दे पर तनाव बनाये रख कर भारत की छवि असहिष्णु देश की बनाने की है। उन्हें मुस्लिम की मूल भावना और मुसलिम लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने से कोई वास्ता नहीं है।

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