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राजद में होगा शरद यादव की पार्टी लोजद का विलय, लालू भेज सकते हैं राज्यसभा

पटना : वरिष्ठ समाजवादी नेता सह लोकतांत्रिक जनता दल के सुप्रीमो शरद यादव अपनी पार्टी का विलय राजद में करने जा रहे हैं। इसे लेकर शरद यादव ने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है। मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक जनता दल का विलय राष्ट्रीय जनता दल में 20 मार्च 2022 को मेरे तुगलक रोड नई दिल्ली स्थित आवास पर होने जा रहा है। देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार। एक साथ लाने के मेरे नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया है। मैं अपने स्वास्थ्य की स्थिति के कारण काफी समय तक अपने प्रयासों को आगे नहीं बढ़ा सका।

यादव ने कहा कि एक समय था जब वर्ष 1989 में अकेले जनता दल के पास लोकसभा में 143 सीटें थीं। जनता दल परिवार ने अतीत में विशेष रूप से मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद विभिन्न सरकारों के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद देश में वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में काफी उत्थान देखने को मिला है। जैसे-जैसे जनता परिवार बिखरता गया वैसे वैसे यह देखा गया है कि समय-समय पर सत्ता में रहने वाली सरकारों द्वारा संविधान में प्रदान की गई आरक्षण नीति के कार्यान्वयन में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालू यादव और मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान वंचित लोगों के लिए जो लड़ाई लड़ी, उसका फल खाने की गति जो तेजी से शुरू हुई थी बहुत धीमी हो गई है। में बल्कि जहाँ तक कहूँगा कि जनता परिवार के बिखरने के बाद न केवल वंचित समाज को दुःख सहने पढ़ रहे बल्कि समाज का हर वर्ग इस समय दुखी और परेशान है।

उन्होंने मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा कि अगर हम देश में वर्तमान शासन की बात करें तो उनकी पार्टी का उदय धीरे-धीरे और लगातार इस तथ्य के मद्देनजर भी देखा जाता है कि जनता परिवार लगातार बिखरा हुआ है और इसलिए जनता परिवार लोगों की सेवा उस तरह से नहीं कर सका जैसा कि यह एकजुट होकर सेवा कर सकता था सभी मोर्चों पर वर्तमान शासन की विफलता के बावजूद जिसे लोग हर जगह मानते भी हैं। इसने चार राज्यों में जीत दर्ज की है। एक और पार्टी भी उभरी है और इन सभी पार्टियों ने तत्कालीन जनता दल और कांग्रेस पार्टी का वोट शेपर हथिया लिया है।

प्रजातांत्रिक देश में यह जरूरी है कि जहां मजबूत सरकार हो लेकिन साथ ही साथ मजबूत विपक्ष का होना भी जरूरी है। आज देश में ऐसा क्या हो रहा है कि भले ही लोग वर्तमान सरकार से बिल्कुल भी खुश नहीं है, फिर भी उनके पास कोई विकल्प नहीं है क्योंकि हम सब बिखरे हुए है और इसका फायदा वर्तमान पार्टी जो सत्ता में है उसको ही हो रहा है। हमें इस प्रवृत्ति को बदलने की जरूरत है जिसमें हर पार्टी अपने स्वार्थ को न देखते हुए और समय की जरूरत है कि न केवल तत्कालीन जनता परिवार एकजुट हो बल्कि अन्य समान विचारधारा वाले दलों की भी वर्तमान व्यवस्था में मजबूत विपक्ष का निर्माण करने के लिए एक साथ आना चाहिए इसलिए आम जनता और पूरे देश के हितों को ध्यान में रखते हुए लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय किया जाएगा।

बता दें कि शरद यादव के राजद में शामिल होने की चर्चा उस समय शुरू हुई, जब बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दिल्ली में जाकर उनसे भेंट की थी। इसके बाद से यह भी कयास लगने लगा था कि संभव है कि लालू प्रसाद यादव दोस्ती निभाते हुए शरद यादव को राज्यसभा भी भेज सकते हैं।