शिक्षाविदों ने शिक्षकों को बताये क्षमता विकास के गुर

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पटना : वीमेंस कॉलेज में IQAC की कार्यशाला में पहुंचें शिक्षाविदों ने छात्रों को उत्कृष्ट्ता हासिल करने के जरूरी टिप्स दिए। सभी विद्वान इस बात पर एकमत रहे कि क्षमता बढ़ाने के साथ ही उसे बनाये रखना भी काफी अहम् होता है। वीमेंस कॉलेज में चल रहे छः दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला का आज तीसरा दिन था। कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्या डॉ० सिस्टर एम० रश्मि एसी ने अतिथि वक्ता डॉक्टर बी० एस० मधुकर को अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। बैंगलोर से आए पूर्ववर्ती नैक सलाहकार डॉक्टर बी० एस० मधुकर ने आज नैक के तीसरे और चौथे मापदंड पर बातचीत की। यह कार्यशाला दो सत्रों में सम्पन्न हुआ।

वीमेंस कॉलेज में आईक्यूएसी की नैक कार्यशाला

पहले सत्र में IQAC कार्यप्रणाली और संबंधित मुद्दों पर अंतर्दृष्टि डाला गया। इसमें उन्होंने कहा की उत्कृष्टता बनाने से भी ज़्यादा ज़रूरी उसको बनाए रखना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की उच्च शिक्षा में ब्रांडिंग का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि घटते हुए रोज़गार का मुख्य कारण शिक्षक केंद्रित और परीक्षा उन्मुखता शिक्षा प्रणाली है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा की आज के दौर में खुद को अपग्रेड करना बहुत जरूरी है और यह समाज के लिए एक चुनौती है।

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डेटा को संरक्षित करने के लिए उन्होंने कॉलेज में एक अच्छा मैनज्मेंट इन्फ़र्मेशन सिस्टम होने की आवश्यकता पर जोर दिया। शिक्षकों को छात्राओं को पढ़ाने के साथ साथ उन्हें कार्य कौशल और उधमिता विकास के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। दूसरे सेशन में नैक के गुणात्मक और मात्रात्मक मेट्रिक्स पर बातचीत की गयी। जिसमें उन्होंने कहा की शिक्षकों को छात्रों के विकास के उपर ध्यान देना चाहिए और केवल अपने विभाग तक सीमित नहीं रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने छात्रों के आत्मविश्वास, सही दिशा में मार्गदर्शन को महत्व देते हुए कहा कि इस पेशे में शिक्षक को हर दिन नए छात्रों के नयी दिशा दिखाने का मौक़ा मिलता है। सत्र के अंत में उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों के सवालों का जवाब दिया।

सत्र के समापन पर उप -प्राचार्या डॉक्टर सिस्टर एम तनीषा एसी ने अतिथि वक्ता डॉक्टर बी एस मधुकर को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉ० सूफ़िया फ़ातिमा, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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