पटना : राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जदयू के अंदर की गुटबाजी और सार्वजनिक होने लगी है। आरसीपी गुट के बिहार भ्रमण से घबराए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को आगे किया है।
दरअसल नीतीश कुमार के जन्मदिन 1 मार्च से पूर्व घोषणा के मुताबिक केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह संगठन को मजबूत करने तथा रितेश कुमार के अब तक के कार्यकाल में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय को हर घर तक पहुंचाने की शुरुआत कर चुके हैं। आरसीपी के इस कदम से ललन सिंह को कमजोर होने का डर सताने लगा है। इसलिए वे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को इस इवेंट को अप्रत्यक्ष रूप से बंद करने के लिए आदेश निकलवाने हेतु मजबूर किया!
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश मुख्यालय को प्राप्त सूचना के अनुसार मुख्यालय के नाम पर जिलों और प्रखण्डों में कुछ अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा दूरभाष / टेक्स्ट मैसेज/सोशल मीडिया के माध्यम से निर्देश दिया जाता है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
पार्टी द्वारा प्रदेश के सभी स्तर के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है कि किसी भी अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा किसी प्रकार की सूचना दी जाती है तो इसे नदरअंदाज करें। ऐसी सूचना देने वाले व्यक्ति दल के अन्दर गुटबाजी को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जबकि दल में कोई गुटबाजी नहीं है। यह पार्टी संविधान एवं कार्यशैली के विपरित है, दल में केवल एक सर्वमान्य नेता हैं।
कुशवाहा ने कहा कि पार्टी द्वारा निर्देशित किसी भी सूचना को देने के लिए मुख्यालय से रवीन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ० नवीन कुमार आर्य, मृत्युंजय कुमार सिंह, मनीष कुमार, वासुदेव कुशवाहा, संजय कुमार सिन्हा, रविनेश कुमार “बबलू” एवं अशोक कुमार समेत पार्टी के जिलाध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों को निर्देश दिया जाता है कि दल के सभी स्तर के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को अपने स्तर से सूचित करना सुनिश्चित करें।