पटना : डाक टिकट संग्रहण एक शौक है, जिसका शैक्षणिक मूल्य अत्यधिक है। एक छोटा-सा डाक टिकट मानव जीवन, कला, विज्ञान संस्कृति इतिहास, प्रकृति आदि के बारे में काफी जानकारियों प्रदान करता है। यह बात राज्यपाल फागू चौहान ने भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के क्रम में बिहार डाक परिमंडल द्वारा 24 से 27 फरवरी तक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत नामक विषय पर आयोजित की जा रही पहली राज्य स्तरीय वर्चुअल डाक टिकट प्रदर्शनी बिहार डिजिपेक्स-2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि डाक टिकट संग्रहण से सीखने की प्रक्रिया दृश्य सामग्रियों और आलेखों के माध्यम से और भी रोचक बन जाती है। डाक टिकट संग्रहण जानकारियों के प्रति अत्यंत सूक्ष्म और संकेन्द्रित ध्यान दे पाने की क्षमता उत्पन्न करता है। यह राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने और सार्वभौमिक भाईचारे को मजबूत करने का एक बड़ा माध्यम है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। भारतीय संस्कृति अनेक जीवन पद्धतियों का समन्वय है। यहाँ विभिन्न जातियों, धर्मों, समुदायों और पंथों के लोग निवास करते हैं, जिनकी अपनी-अपनी परम्पराऐं और संस्कृति हैं परन्तु इस विविधता के बावजूद भारतीय संस्कृति में एक अनूठी समरसता और एकता दृष्टिगोचर होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रदर्शनी से हमारी नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से अवगत हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि इस डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्देश्य डाक टिकट संग्रहण के शौक को बढ़ावा देने के साथ-साथ डाक टिकट संग्रहकर्ताओं, विशेषकर नवोदित और युवा डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और छात्रों को अपने संग्रह के प्रदर्शन का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने बिहारवासियों से इस प्रदर्शनी को ऑनलाइन देखने की अपील की। उन्होंने बच्चों डाक टिकट संग्रहण में अभिरूचि लेकर इसे शौक के रूप में अपनाने को कहा ताकि उनके ज्ञान में अभिवृद्धि हो सके।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान डाक विभाग ने एईपीएस (AePS ) एवं पोस्ट ऑफिस ऑन व्हील / मोबाइल पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पैसे की जमा एवं निकासी की सुविधा लोगों के दरवाजे पर पहुंचाकर समाज की महती सेवा की है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) ने लॉकडाउन के दौरान 36 लाख खाता खोले और एईपीएस (AePS) के जरिये लोगों को उनके घर पर आहरण की सुविधा प्रदान की गई और इस प्रकार घर बैठे आम जन को 365 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। बिहार डाक परिमंडल ने राज्य के अत्यंत दूरस्थ एवं अंतिम छोर तक होम आईसोलेटेड कोविड रोगियों को कोविड मेडिकल किट की डिलीवरी 24 से 48 घंटों के भीतर सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम किया।
इस अवसर पर सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक नन्द किशोर यादव, पोस्टमास्टर जनरल अदनान अहमद, निदेशक डाक सेवाएँ पवन कुमार तथा अन्य लोग उपस्थित थे।