परिवारवादी पार्टी की जब महत्वाकांक्षा जागती है तब निकल पड़ते हैं फ्रंट बनाने- सुमो
पटना : थर्ड फ्रंट द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रपति उम्मीदवार की खबरों पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव, उद्धव ठाकरे जैसे मुख्यमंत्रियों का प्रभाव केवल संबंधित राज्यों तक है, लेकिन ऐसे जिन लोगों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अचानक जगती है, वे कोई फ्रंट बनाने निकल पड़ते हैं।
सुमो ने कहा कि देश की जनता वीपी सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल तक विपक्षी फ्रंट की कई कमजोर सरकारों का हस्र देख चुकी है और उन्हें सिरे से नकार चुकी है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई।
सुशील मोदी ने कहा कि दूसरी तरफ वह दिन याद है, जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था। ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं। ममता बनर्जी यदि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, केसीआर और उद्घव ठाकरे से हाथ मिला कर प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय नेतृत्व, केंद्र की मजबूत सरकार और समर्पित काडर वाली भाजपा को चुनौती देना चाहती हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगी।
विडम्बना यह कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं। ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं।