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क्या है RCP को ललन सिंह का ‘होम्योपैथिक’ जवाब? यहाँ पढ़ें

पटना : जदयू के अंदर आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई समय-समय पर बाहर आती रहती है। आरसीपी सिंह संगठन की मजबूती और विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आगामी 1 मार्च से पूरे बिहार भ्रमण करने वाले हैं। इसको लेकर आरसीपी समर्थकों द्वारा तैयारी जारी है। वहीं, आरसीपी का यह दौरा उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को रास नहीं आ रहा है। ललन सिंह ने एक बार फिर आरसीपी के इस दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि मैं नहीं जानता हूँ कि कौन किस दिन यात्रा शुरु करेगा, हमारे दल में सीएम के जन्मदिन पर यात्रा की संस्कृति नहीं है, इसलिए दूसरे दल की परंपरा को कॉपी करने की जरुरत नहीं है।

ज्ञातव्य हो कि इससे पहले आरसीपी के बिहार भ्रमण कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए ललन सिंह ने कहा था कि मुझे नहीं पता कि वे क्या करने वाले हैं, इसकी जानकारी उन्हें ही होगी। वहीं, संगठन की मजबूती को लेकर ललन सिंह ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा दिन-रात मेहनत कर पार्टी को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं और हमारे सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का भी कार्य कर रहे हैं।

बहरहाल, विदित हो कि जदयू के अंदर काफी समय से वर्चस्व की लड़ाई तेज है, यह किसी और के बीच नहीं, बल्कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच की लड़ाई है। एक हैं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, तो दूसरे हैं नीतीश कुमार के भरोसेमंद और नौकरशाह से नेता बने आरसीपी सिंह। आरसीपी सिंह फिलहाल मोदी कैबिनेट में इस्पात मंत्रालय संभाल रहे हैं, जबकि मंत्री बनने की आकांक्षा पाले ललन सिंह न चाहते हुए भी पार्टी की बागडोर संभाले हुए हैं। वैसे, दोनों नेताओं के बीच रिश्ते में कड़वाहट तब से देखने को मिल रही है, जब आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद ललन सिंह को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था। तभी से वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच राजनीतिक दांव-पेंच जारी है।