पटना : स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन कोटे से बिहार विधान परिषद की खाली 24 सीटों को लेकर लोजपा पारस गुट ने फिलहाल हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोकी है। इस सीट को लेकर लोजपा नेताओं का कहना है कि यह सीट लोजपा की परंपरागत सीट रही है। इस सीट से काफी यादें जुड़ी है।
लोजपा (राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल के मुताबिक इसके लिए मौखिक तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से पार्टी के सीनियर नेताओं की बात भी हो चुकी है। अब अगली बैठक में आगे की बात की जाएगी।
ज्ञातव्य हो कि 24 में से जदयू ने 12 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है। जदयू ने इन 12 सीटों पर तब तैयारी शुरू कर दी है, जबकि अभी तक NDA में सीटों का बंटवारा भविष्य के गर्भ में है।
24 में से जिन 12 सीटों पर जदयू के संभावित उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, उनमें से कई सीटें जदयू की परंपरागत सीटें हैं। इनमें गया, नवादा, नालंदा और मुजफ्फरपुर हैं। गया में मनोरमा देवी को फिर से तैयारी करने को कहा गया है। इसी तरह नवादा में दो नामों की चर्चा तेज है, पहला नाम है निवर्तमान विधान पार्षद सलमान रागिब और दूसरे हैं यादव जाति से महिला उम्मीदवार। उसी तरह नालंदा में जदयू की निवर्तमान विधान पार्षद रीना यादव की तैयारी काफी तेज है, काफी संभावनाएं हैं कि इस बार फिर वही चुनावी मैदान में होंगी। मुजफ्फरपुर में जदयू से दुत्कारे और दुलारे रहे दिनेश सिंह को जदयू चुनावी मैदान में उतारेगी।
प्रदेश अध्यक्ष भी रेस में
इसके अलावा जदयू पश्चिम चंपारण, मुंगेर, सीतामढ़ी, बांका, वैशाली व भोजपुर सीट को लेकर दावेदारी ठोक रही है। इनमें से कुछ सीटों के सदस्य कांग्रेस और राजद छोड़कर जदयू का दामन थामे थे। इनमें से पहला नाम है भोजपुर से राधाचरण सेठ, दूसरा नाम है मुंगेर से संजय प्रसाद और पश्चिमी चंपारण से राजेश राम। वहीं, बांका से एक पुराने यादव नेता या अगड़ी जाति के किसी नेता को मौका मिल सकता है। एक दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक सीतामढ़ी से पंकज पूर्वे को लेकर जदयू गंभीरता दिखा रही है।
जबकि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा भी एमएलसी चुनाव लड़ने की इच्छा रख रहे हैं वह अपने गृह जिले यानी वैशाली से चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसीलिए जदयू वैशाली सीट पर अपना दावा ठोक रही है। वहीं, अब लोजपा भी इस सीट पर दावा ठोक चुकी है।