नहीं रहे आत्मबल से शारीरिक अक्षमता को हराने वाले छोटे बाबू, कला व साहित्य जगत के लोग शोकाकुल

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पटना : आत्मबल से शारीरिक अक्षमता को हराने वाले चित्रकार व सांस्कृतिक चेतना संपन्न पुरुषोत्तम दास रस्तोगी उपाख्य उर्फ छोटे बाबू इस दुनिया में नहीं रहे। वसंत पंचमी यानी 5 फरवरी को उनका निधन हो गया।

पटना सिटी स्थित कचौड़ी गली के निवासी पुरुषोत्तम दास रस्तोगी का परिवार बिहार का बड़ा स्वर्ण व्यवसाय है। अपने पारिवारिक परंपरा से अलग हटकर छोटे बाबू की पहचान पटना कलम के चित्रकार और इतिहास कला और सांस्कृतिक मामले के समीक्षक के रूप में है। छोटे बाबू ने संस्कृति दर्पण नाम से एक पुस्तक की भी रचना की है, जिसमें भारत के इतिहास, ज्ञान परंपरा, कला परंपरा के प्रामाणिक तथ्य उपलब्ध है। पटना सिटी के प्राचीन इतिहास के भी जानकार थे।

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पुरुषोत्तम दास रस्तोगी संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री थे, भारत विकास परिषद, सनातन धर्म सभा, भारतीय हरिश्चन्द्र वंशीय महासभा जैसे संस्थाओं के वे स्तंभ रहे हैं। 1950 में वे राज्यपाल आरआर दिवाकर की अध्यक्षता वाले संगीत नाटक अकादमी के सदस्य भी थे। उनके निधन से कला व साहित्य जगत के लोग शोकाकुल हैं।

पुरुषोत्तम दास रस्तोगी के पुत्र शशि शेखर रस्तोगी ने बताया कि 6 फरवरी को प्रातः 10:00 बजे से कचौड़ी गली स्थित उनके आवास से शव यात्रा निकलेगी और उनकी अंत्येष्टि खजेकलां घाट पर होगी।

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