बिहार MLC चुनाव : कांग्रेस और लोजपा को मिल सकती है जदयू की सीटें, लालू ने चिराग को बताया नया दोस्त
जिला परिषद और प्रखंड पंचायत समितियों के चुनाव संपन्न होने के बाद स्थानीय निकाय प्राधिकार कोटे से खाली विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू है। त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि इसके वोटर होते हैं। सभी दल त्रि स्तरीय चुनाव संपन्न होने के बाद जीते-जीते प्रतिनिधियों को अपने-अपने पाले में करने में जुटे हैं। हालाँकि, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव कुछ समय तक के लिये और टल सकता है।
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एनडीए के दो प्रमुख घटक दल यानी भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे पर अनौपचारिक बातचीत हो चुकी है। यह बैठक जदयू के सर्वेसर्वा नीतीश कुमार की मौजूदगी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी के बीच हुई। इस बैठक में जदयू ने भाजपा के समक्ष 24 में से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की, यानी आधी सीटों पर।
कांग्रेस-राजद साथ-साथ
दूसरी तरफ महागठबंधन के अंदर भी सीटों को लेकर मंथन शुरू हो चुका है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उपचुनाव की बातों को भूलकर कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। लालू की इस बात पर मुहर लगाते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं राजनीति में कटुता दीर्घकालिक नहीं होता। लेकिन, अंतिम निर्णय केंद्रीय आलाकमान को लेना है।
चिराग को कम से कम 4 सीट
इसके अलावा राजद सुप्रीमो यह भी कह चुके हैं कि स्थानीय निकाय प्राधिकार कोटे से खाली विधान परिषद की 24 सीटों पर नए दोस्त इस बार महागठबंधन का हिस्सा होंगे। लालू का यह इशारा चिराग पासवान की ओर था। बहरहाल, NDA से किसी भी तरह का तालमेल नहीं होने के कारण चिराग इस ऑफर को ठुकरा नहीं सकते हैं। क्योंकि, उन्हें कम से कम 4 सीटें मिल रही है।
2015 में महागठबंधन में जदयू भी शामिल थी, जिसे 10 सीटें दी गई थी। नालंदा, गया, नवादा, मुजफ्फरपुर, बांका, रोहतास, सारण, मधुबनी, बेगूसराय और पटना। राजद भी 10 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें आरा, वैशाली, सीतामढ़ी, मुंगेर, औरंगाबाद, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, दरभंगा एवं समस्तीपुर शामिल था। कांग्रेस पश्चिमी चंपारण, सहरसा और पूर्णिया सीट पर चुनाव लड़ी थी। एनसीपी को कटिहार सीट मिली थी।
वहीं, NDA में लोजपा को हाजीपुर, नालंदा, सहरसा और आरा सीट मिली थी। इस बार अगर चिराग पासवान महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो उन्हें इन 4 सीटें दी जाने की संभावना है। इसके अलावा 2015 में जो सीट जदयू को मिली थी, उसमें से कुछ इधर-उधर हो सकता है।