पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि राजद की स्थिति वैसी स्त्री जैसी हो गई है, जो बिना बियाहे सुहागन बनना चाहती है। सत्ता लोलुपता के व्याकुलता में राजद के सजायाफ्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े सुपुत्र तेजप्रताप यादव और राजद के कुछ प्रवक्ताओं ने एनडीए के कुछ दलों को और कुछ नेताओं को तोड़कर राजद में मिलाने के लिए व्याकुल हैं। क्योंकि पूरे परिवार को घोटालों की मलाई मारने की आदत बनी हुई है, इसलिए जनता के द्वारा दिए हुए जनमत का अपमान करने के लिए एकदम व्याकुलता में हैं।
जबकि तेजप्रताप यादव को पहले अपने घर में जमीन तलाशना पड़ेगा, क्योंकि बिहार की जनता के घर-घर में चर्चा बन चुकी हैं कि वे अपना मानसिक संतुलन को खो चुके हैं। अनाप-शनाप और कभी-कभी कुछ भी बकते रहते हैं, कुछ भी बयान देते रहते हैं। उनको अपना यह बहुरूपियापन को छोड़ना पड़ेगा। नहीं तो पारिवारिक पार्टी राजद की तरह वे भी राजनीतिक हाशिए पर चले जाएंगे। वैसे छोटे भाई नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नाम पर बहुत जल्द राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का भी मुहर लग जाएगा और आप मुंह ताकते रह जाएंगे।
राजद का कोई ऐसा सगा नहीं जिसको राजद ने ठगा नहीं, जिन एनडीए के नेताओं को तेज प्रताप जी अपने दल में मिलाने के लिए कह रहे हैं, पहले वे नेता उन्ही के गठबंधन में थे। और उनके दल और उनके छोटे भाई के विश्वासघात के चलते वे नेता एनडीए में आए, जहां उन्हें विकास विश्वास नीति नीयत और नेतृत्व मिला।
रात में सपना देखना सही बात है, पर दिन में जागते हुए सपना देखना तेज प्रताप ठीक नहीं है। कहीं, आपको राजद मे कोई महत्वपूर्ण भूमिका की जरूरत है तो आपको एनडीए की ओर से सलाह है कि आप एक बार अपने पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद ले लें नहीं तो आप खुद समझदार हैं।