पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह “अमृत बजट” है।
चौबे ने कहा कि आज का बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है। प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने वाला है। “सबका साथ-सबका विश्वास” मूल मंत्र पर आधारित है। महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही। वित्तीय अनुमान के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था आगामी दो तीन वर्षों में विश्व में सर्वाधिक विकास करने वाली और सर्वाधिक विकास दर कायम रखने वाली अर्थव्यवस्था होगी जो प्रधानमंत्री के राष्ट्र के प्रति समर्पण और दुर्दशिता को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि जनवरी 2022 में 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी संग्रह, यह तेजी से आर्थिक सुधार को दर्शाता है। कोयला से गैस बनाने के लिए 4 परियोजनाओं की शुरुआत होगी। राज्यों काे एक लाख करोड़ रुपए का ब्याजमुक्त लोन मिलेगा।
कृषि वानिकी और निजी वनों को नीतिगत बढ़ावा मिलेगा। अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि वानिकी और निजी वन निर्माण के लिए वित्तीय सहायता का लाभ मिलेगा। ग्रीन इंफ्रा के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरेन ग्रीन बांड जारी किए जाएंगे। सौर पीवी मॉड्यूल के पीएलआई निर्माण के लिए 19,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सेज अधिनियम को एक नए और अधिक राज्य की भागीदारी के साथ बदल दिया जाएगा। कम कार्बन विकास रोजगार सृजित करने की कुंजी होगी। सौर ऊर्जा घरेलू विनिर्माण उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19000 करोड़ रुपए। पेपर रहित ईबिल सिस्टम की शुरुआत होगी।
10 सेक्टरों के लिए सर्कुलर एक्शन प्लान तैयार किया गया है जिसका आधारभूत ढांचा तैयार करने की जरूरत है। सौर ऊर्जा के लिए 19,500 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है। दूरस्थ गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से 2025 तक जोड़ दिया जाएगा। रक्षा संबंधी उद्योगों को बढ़ाव मिलेगा। अगले वित्त वर्ष 5जी सेवा शुरू होगी। शहरों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बढ़ावा देगी सरकार। गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा
कवच के दायरे में 2000 किलोमीटर का नेटवर्क आएगा। एक राष्ट्र, एक रजिस्ट्रेशन की सुविधा की शुरुआत होगी। पर्यावरण मंजूरी के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस दी जाएगी स्किलिंग प्रोग्राम को नया रूप दिया जाएगा। युवाओं के स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के लिए, डिजिटल देश ई-पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। कक्षा 1-12 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ की संख्या को 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल किया जाएगा। डाकघरों में एटीएम की सुविधा मिलेगी। सभी पांच अकैडमिक एक्सीलेंस सेंटर को 50 करोड़ रुपए मिलेंगे।
ईपासपोर्ट की सुविधा मिलेगी। 2 लाख आंगनवाड़ियों को स्वच्छ ईंधन से दक्ष किया जाएगा। बैटरी स्पैपिंग पॉलिसी पर काम चल रहा है। देशभर में 23 मेंटल टेली हेल्थ सेंटर शुरू किए जाएंगे। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत होगी। छोटे किसानों के लिए रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। 100 पीएम गतिशील कार्गो टर्मिनल बनाए जाएंगे। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट बनाया जायेगा।
आगामी वित्त वर्ष में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घर बनेंगे। पीएम आवास योजना के लिए 48 हजार करोड़ रुपए का आवंटन। पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए नई योजना। आत्मनिर्भर भारत को प्राप्त करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्डइंसेंटिव (PLI) योजना को उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिली है।
राजमार्ग के विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। पीपीपी के तहत चार मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाएं जाएंगे। गेहूं और धान की सीधी खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपए का आवंटन। 60 हजार करोड़ रुपए हर घर नल योजना के लिए आंवटित। एक साल में 25000 किमी हाइवे का निर्माण होगा। तिलहन को उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी सरकार। पीएम ई विद्या कार्यक्रम 200 चैनलों में होगा। डिजिटल यूनिविर्सटी खोली जाएगी।
केन बेतवा प्रोजेक्ट के लिए 1400 करोड़ रुपए का आवंटन।। फसलाें के नुकसान के आकलन के लिए ड्रोन इस्तेमाल होंगे। 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल बनाएंगे। पहाड़ी क्षेत्रों में पर्वत माला रोप वे बनाया जाएगा। नई मेट्रो लाइनों के लिए इनोवेटिव फंडिंग का इंतजाम किया जाएगा। पीपीपी मॉडल के तहत रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। वित्त वर्ष 2022-23 में आठ नए रोप वे बनाने का काम शुरू किया जाएगा। केन बेतवा लिंक परियोजना को बढ़ावा, 5 और नदियों को जोड़ा जाएगा। 400 वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी। किसानों को एमएसपी के तहत 2.7 लाख करोड़ रुपए देंगे। भूमि के रिकॉर्ड डिजाटाइजेशन किया जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। देश भर में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। एलआईसी का आईपीओ जल्द लाया जाएगा। चालू वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि 9.2% रहने का अनुमान है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। आत्मनिर्भर भारत योजना से 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।
कुल मिलाकर 2022-23 के इस बजट को देश के दूरगामी विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसमें देश केसभी वर्गों का विकास होगा। इससे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। देश के विकास को और अधिक गति मिलेगी”।