पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य इंडेक्स पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा दिए गए बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि वे अपनी सरकार के नाकामियों पर भी पीठ थपथपा रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अभी दो दिन पहले नीति आयोग द्वारा स्वास्थ्य इंडेक्स जारी किया गया है। यह हेल्थ इंडेक्स वर्ष 2019 – 2020 के आधार पर तैयार किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य सेवा के मामले में बिहार को 18 वें स्थान पर रखा गया है। 19 वें स्थान पर उत्तर प्रदेश है जिसका स्कोर बिहार से मात्र 0-43 अंक कम है। सुशील मोदी ने बड़े गर्व के साथ दावा किया है कि बिहार का इंक्रीमेंटल स्कोर बढा है पर कितना बढा है इसको उन्होंने जानबूझकर छुपा लिया है। सच्चाई यह है कि वर्ष 2018-2019 की तुलना में बिहार का इंक्रीमेंटल स्कोर मात्र 0-53 अंक हीं बढा है जबकि उत्तर प्रदेश का इंक्रीमेंटल स्कोर 5-57 अंक बढ गया।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स में कोरोना काल ( 2020 – 2022 )को शामिल नही किया गया है। यदि कोरोना काल को शामिल किया जाता तो बिहार का स्कोर और भी ज्यादा नीचे आ जाता। 2015 मे अपने गठन के बाद नीति आयोग द्वारा पूर्व में तीन बार स्वास्थ्य इंडेक्स जारी किया गया है। जिसमें वर्ष 2015 -2017 के आधार पर जारी हेल्थ इंडेक्स में बिहार का स्कोर 39 -10 था। यह वही कालखंड है जिस समय बिहार में महागठवंधन की सरकार थी।
2017 -2018 में बिहार का स्कोर घटकर 32 – 43 और 2018 – 2019 में घटकर 30-47 हो गया था, जो मामूली 0 – 53 इंक्रीमेंटल स्कोर के साथ वर्ष 2019 – 2020 में 31 – 00 हो गया है । महागठवंधन सरकार के समय बड़े राज्यों की सूची में बिहार 12 वें स्थान पर था जो एनडीए शासनकाल में वर्ष 2017 -2018 में 16 वें और वर्ष 2018 – 2019 में 18 वें स्थान पर आ गया और वर्ष 2019 – 2020 में भी वहीं है। जबकि राजस्थान 15 वें से 11 वें , महाराष्ट्र छठे से तीसरे और आंध्रप्रदेश आठवें से छठे स्थान पर आ गए।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि आत्म प्रशंसा में लीन रहने वाले एनडीए के नेता हर मामले को तोड़-मरोड़कर अपनी नाकामियों को छुपाते रहे हैं। आमलोगों को गुमराह करते रहे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट हीं यह बताने के लिए काफी है कि बीस महीने का महागठवंधन सरकार में स्वास्थ्य सेवा एनडीए शासनकाल से काफी बेहतर थी ।