मुखिया को मिलेगा आर्म्स लाइसेंस, प्रतिनिधियों पर हुए हमले को रोकने के लिए पुलिस कप्तान को दिया यह निर्देश
पटना : बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की आए दिन कहीं ना कहीं हत्या कर दी जा रही है। इसको लेकर पंचायती राज विभाग के मंत्री लगातार चिंतित हैं।अब इसको लेकर उन्होंने गृह विभाग को पत्र लिखा है।
वहीं, मंत्री के इस पत्र के बाद गृह विभाग के तरफ से पुलिस कर्मियों को इस मामले में सहयोग देने को कहा गया है।।इसके बाद अब पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। पुलिस मुख्यालय से यह साफ निर्देश दिया गया कि किसी भी तरह राज्य में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों पर हो रहे हमले को जल्द से जल्द रोका जाए।
इसके अलावा यह निर्देश दिया गया है कि यदि राज्य के किसी भी क्षेत्र में ऐसी घटना होती है तो तुरंत इस मामले की जांच एसएसपी या एसपी खुद करेंगे। इसके साथ ही ऐसी स्थिति में तत्काल एफएसएल की टीम को मौके पर बुलाया जाएगा ताकि सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जा सके।
सप्ताह के अंदर घटना को लेकर जारी करें पर्यवेक्षण रिपोर्ट
वहीं, पुलिस मुख्यालय के तरफ से यह निर्देश दिया गया है कि सभी एसएसपी और एसपी पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या से जुड़े किसी भी मामले को वह खुद अपने स्तर से देखें। साथ ही 1 सप्ताह के अंदर घटना को लेकर पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी करें।
पुलिस मुख्यालय के तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि पत्र मिलने के 3 दिनों के अंदर एसएसपी और एसपी स्पेशल रिपोर्ट जारी करेंगे। वहीं पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़े गैर हत्या के मामलों में पर्यवेक्षक टिप्पणी एसडीपीओ जारी करेंगे।
हिंसा को लेकर गृह विभाग में विस्तृत समीक्षा
इसके अलावा पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि वह पंचायत प्रतिनिधियों पर हो रहे हमले को लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि अब तक पांच पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या की जा चुकी है, जो एक चिंता की विषय है। मंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर गृह विभाग में विस्तृत समीक्षा की गई है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर आगे की योजना भी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग इस पर विचार कर रहे हैं कि यदि पंचायत प्रतिनिधियों को अधिक आवश्यकता हो तो आर्म्स लाइसेंस भी मुहैया कराया जाए।