भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी स्वयं को असली बिहारी मानते थे। आधुनिक बिहार के निर्माण में उनका योगदान भी बड़े दूरगामी महत्व का रहा। बरौनी सुपर थर्मल पावर प्लांट और पटना-दीघा, मुंगेर तथा कोसी महासेतु प्रधानमंत्री के रूप में उनकी देन हैं।
राष्ट्रीय फलक पर अटलजी को तीन परमाणु परीक्षण, 6 लेन हाइवे से देश के चारों सिरों को जोड़ने वाली स्वर्ण चतुर्भुज सड़क परियोजना, किसान क्रेडिट कार्ड और ग्राम सड़क योजना लागू करने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने ही बिहार की मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाया। कृतज्ञ बिहार और देश उनका ऋणी रहेगा।
सुमो ने कहा कि ओजस्वी वक्ता, कवि, कुशल संगठनकर्ता और संवेदनशील प्रशासक अटलजी तेेज विकास के लिए छोटे राज्यों की स्थापना को जरूरी मानने थे। उनके कार्यकाल में ही बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का शांतिपूर्ण पुनर्गठन हुआ। यह पुनर्गठन उत्तर-मध्य भारत की बड़ी आबादी के लिए कल्याणकारी सिद्ध हुआ।