राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बताया कि केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख भाई माडविया से मिलने पर उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि बिहार के किसानों को यूरिया और डीएपी उर्वरक की कोई कमी नहीं होगी। अभी राज्य कोटे के केवल 65 फीसद उर्वरक की आपूर्ति हुई है। कोटे के शेष उर्वरक की आपूर्ति निर्धारित समय पर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को जब जनवरी-फरवरी में उर्वरक की अधिक आवश्यकता पड़ेगी, तब राज्य कोटे से ज्यादा खाद भी उपलब्ध करायी जाएगी। नए रैक प्वाइंटरों पर उर्वरक पहुँचाया जा रहा है।
रासायनिक खाद के अन्तरराष्ट्रीय मूल्य में जब 200 फीसद की वृद्धि हुई और रूस-चीन जैसे बड़े देशों ने खाद तथा इसके कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी, तब भारत सहित कई देशों में उर्वरक की समस्या पैदा हुई।
आपूर्ति में कमी और दाम मे भारी वृद्धि के दोहरे दबाव से किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्वरक पर सब्सिडी के लिए 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया। यह एक रिकार्ड है। इससे किसानों को अब भी पुराने मूल्य पर खाद मिल रही है।