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बीजेपी-जदयू की खिंची तलवारों की बलि चढ़े चंचल, दिल्ली के सफर पर भेजे गए नीतीश के प्रधान सचिव

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और बिहार के सबसे पावरफुल आईएएस अधिकारी माने जाने वाले चंचल कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति जा रहे हैं। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने बीते दिन अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की सूची जारी की है। जिसमें चंचल कुमार को नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है। इससे पहले इस पद पर बिहार कैडर के आईएएस केशव कुमार पाठक यानी के के पाठक थे। हालांकि, बिहार सरकार ने उन्हें अभी रिलीव नहीं किया है। लेकिन यह उम्मीद है कि जल्द ही बिहार सरकार इन्हें रिलीव कर सकती है।

जदयू को बैकफुट पर लाकर छोड़ेगी भाजपा!

चंचल कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर राजनीतिक गलियारे में कई तरह के सवाल तैरने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अब भाजपा भी नीतीश कुमार को उन्हीं के स्टाइल में जवाब देने लगी है। इसका सबसे बड़ा और जीवंत उदाहरण यह है कि हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुखरता से अपनी बातों को रखते हुए ईंट का जवाब पत्थर से देने की बात कही और मुख्यमंत्री आवास को भी नहीं छोड़ा। इसके बाद उसके अगले ही दिन चंदन चंचल कुमार को लेकर अधिसूचना जारी की हालांकि इस सूची में कई और आईएएस अधिकारी हैं जिनको अलग-अलग दायित्व दिए गए हैं बिहार में सबसे अधिक चर्चा चंचल कुमार को लेकर है।

तबादला बना मुख्य कारण

विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि चंचल कुमार को बिहार से दूर होने की पटकथा उसी दिन लिखा जाना शुरू हो गया था, जब वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और विचार परिवार की बातों की अनदेखी की थी। मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा की तरफ से चंचल कुमार को कुछ अधिकारियों की सूची सौंपी गई थी, जिनका तबादला भाजपा अपने अनुसार चाहती थी। लेकिन चंचल कुमार ने नीतीश कुमार को नाराज नहीं करते हुए अथवा नीतीश कुमार की सहमति लेते हुए उस पर विचार नहीं किया। इसके बाद से भाजपा काफी नाराज हुई और केंद्रीय आलाकमान से इसका स्थाई समाधान ढूंढने को कहा।

मुख्यमंत्री के योजना और कार्यक्रमों को धरातल पर उतारते थे चंचल

केंद्र ने बिहार भाजपा की बातों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की दिशा में काम करना शुरू कर दी। इसी का नतीजा है कि चंचल कुमार को नीतीश कुमार से दूर किया गया। चंचल कुमार के बिहार से दिल्ली जाने पर नीतीश कुमार ही सबसे ज्यादा कमजोर होंगे। क्योंकि, चंचल कुमार ही वे अधिकारी हैं जो नीतीश कुमार के हर प्रशासनिक काम को अंजाम देते आये हैं। इसके अलावा चंचल मुख्यमंत्री के कई सार्वजनिक कार्यक्रमों की भी रूपरेखा तैयार करते हैं, जिसमें समाज सुधार अभियान यात्रा हो या जनता दरबार कार्यक्रम सभी चंचल कुमार के निर्देशन में ही होता है।

कुछ और करीबियों का छूटेगा साथ

बहरहाल, अगर नीतीश कुमार भाजपा को बड़ा भाई नहीं मानते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी अपने अनुसार नीतीश कुमार को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। यह भी बातें सामने आ रही है कि चंचल कुमार के अलावा नीतीश कुमार के कुछ और करीबी अधिकारियों को दिल्ली जाना पड़ सकता है।