आचार्य वह है जो अपने आचरण से शिक्षा दे। इस नाते आचार्य की बहुत बड़ी जिम्मेवारी है क्योंकि माँ- पिताजी बच्चे को जन्म देते हैं और आचार्य उनके अच्छे एवं सफल भविष्य का निर्माण करते हैं। वे छात्रों को जीवन की ऊँचाई तक पहुंचने के माध्यम हैं। ये बातें विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के बिहार क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव नकुल शर्मा ने सरस्वती विद्या मंदिर मुंगेर के प्रशाल में आयोजित बैठक में आचार्यों को संबोधित करते हुए कही।
आगे उन्होंने कहा कि आज के ये छात्र ही कल राष्ट्र के दिशा एवं दशा तय करनेवाले होंगे अतः आचार्य को चाहिए कि वे छात्रों को सफलता का रास्ता बताएँ। इसके लिए समय-समय पर समाज के सफल एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों, पूर्व छात्रों, अधिकारियों आदि से छात्रों को मुलाकात, बात एवं उनके अनुभवों से लाभान्वित करवाएं। जिससे कि उनके अंदर का झिझक खत्म हो।जरूरत पड़ने पर समाज में उपलब्ध विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों से छात्रों का परामर्श एवं मार्गदर्शन भी अवश्य करवाएँ। छात्रों में सीखने एवं प्रश्न पूछने की जिज्ञासा पैदा करें, उन्हें विभिन्न भाषाओं को सीखने का अवसर दें तथा उचित दिनचर्या के बारे में बताएँ।
इसके पूर्व अतिथि परिचय करवाते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने कहा कि नकुल शर्मा सरल एवं कर्मयोगी पुरूष हैं। वे मुंगेर शहर के बेलन बाजार के निवासी हैं। उनकी शिक्षा यहीं आर0 डी0 एंड डी0 जे0 कॉलेज से हुई है तथा अपने कार्य की शुरुआत मुंगेर में सरस्वती शिशु मंदिर सादीपुर में आचार्य के रूप में किया तथा संगठन के विभिन्न दायित्वों को निभाते हुए आज क्षेत्रीय सचिव के रूप में संगठन के कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
इस बैठक में उपप्रधानाचार्य उज्ज्वल किशोर सिन्हा, बालिका खंड की प्रधानाचार्या कीर्ति रश्मि, प्राथमिक खंड के प्रभारी अविनाश कुमार सहित विद्यालय के समस्त आचार्य एवं आचार्या उपस्थित थे।