झंझारपुर कोर्ट परिसर में जज के साथ मारपीट में आरोपित पुलिस अधिकारी को भेजा गया जेल
पटना : झंझारपुर कोर्ट परिसर में एडीजी एक अविनाश कुमार के साथ हुई मारपीट को लेकर आरोपित दोनों पुलिस अधिकारियों को शुक्रवार देर शाम जेल भेज दिया गया है। एसीजेएम प्रथम अजय शंकर प्रसाद के कोर्ट ने दोनों को कस्टडी में ले जाने का आदेश दिया था। सीआइडी एसपी शैलेश कुमार, एएसपी राजेश कुमार दोनों को रात आठ बजे उपकारा लेकर गए।
बताया जाता है कि शुक्रवार शाम सीआईडी की टीम आरोपित थानाप्रभारी गोपाल कृष्ण व दारोगा अभिमन्यु शर्मा को लेकर झंझारपुर कोर्ट पहुंची। वहीं, आरोपित पुलिस अधिकारी की तरफ से बचाव के लिए पांच अधिवक्ताओं की टीम पहुंची थी। पक्ष-विपक्ष के बीच काफी जीरह हुई। जीरह समाप्त होने के बाद कोर्ट ने निर्णय लेने में दो घंटे से ज्यादा का समय लिया। वहीं, टीम में शामिल एसपी शैलेश कुमार व एएसपी राजेश कुमार ने एडीजे प्रथम अविनाश कुमार से उनके चैंबर में तीन घंटे तक पूछताछ की।
ज्ञातव्य हो कि जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चैम्बर में कैसे प्रवेश किया? कोर्ट ने इस मामले में सहयोग करने हेतु एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का निर्णय लिया था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कहा था कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है। दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। साथी ही एड्वोकेट जनरल ने कहा था कि यदि चाहे तो कोर्ट सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने एक बार फिर डीजीपी को उपस्थित रहने को कहा था, अगली सुनवाई 1 दिसंबर 2021 को होगी।
विदित हो कि घोघरडीहा थाने के थानेदार गोपाल कृष्ण और ASI अभिमन्यु कुमार झंझारपुर कोर्ट परिसर में एडीजे अविनाश कुमार के कक्ष में घुसकर गाली-गलौज करते हुए कहा कि तुम्हारी हैसियत कैसे हुई कि तुम हम दोनों को तलब करोगे, हम तुमको एडीजे नहीं मानते हैं। इसके बाद एडीजे द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। इसी मामले पर अधिवक्ता संघ ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा था कि पहले अपराधियों से सरंक्षण की जरूरत होती थी, लेकिन अब प्रशासन से सरंक्षण की आवश्यकता पड़ गई है।