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बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर अभाविप ने मनाया जनजाति गौरव दिवस 

चकाई : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर जनजाति गौरव सप्ताह कार्यक्रम के दौरान चकाई प्रखंड के पोझा पंचायत के केचुआ गांव में आदिवासी भाइयों बहनों के बीच पहुंच कर भगवान बिरसा मुंडा सहित जनजाति समाज के वीर योद्धाओं का बलिदान को याद किया।

वहीं प्रवास में उड़ीसा से आये अखिल भारतीय जनजातीय कार्य सह छात्र प्रमुख प्रमोद राउत ने कहा कि आज देश नही बल्कि विदेशों में भी जनजाति समाज के जीवन यापन पर्व त्यौहारों पर रिसर्च कर रहा है। जिस पर्यावरण के ऊपर देश लाखो खर्च कर रहे हैं लेकिन उस पर कामयाबी नहीं मिल रहा है लेकिन जनजाति समाज ने इसे अपनी संस्कृति सभ्यता से जोड़ कर रखा है।

वहीं अभाविप बिहार प्रदेश के पूर्व मंत्री सह मुंगेर विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य भरत सिंह जोशी ने कहा कि आज जो वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जल बचाओ, जंगल बचाओ ये बाते आदिवासी समुदाय के लोग हजारों साल पहले कहा है।

वहीं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण कुमार गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी में जनजाति समाज के शूरवीर ने जो बलिदान दिया उसको तो देश कभी भुला नहीं सकता लेकिन अगर किन्ही कारणों आदिवासी समाज का कोई योद्धा जो देशहित के लिए अपनी शहादत दिया हो ऐसे नमो को भी संचिका में जोड़वाने का काम करेंगे।

जिला संयोजक सूरज कुमार वर्णवाल ने कहा भारत सरकार ने जनजातीय लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास के 75 साल पूरे होने का जश्न और इसका उत्सव मनाने के लिए 15 नवंबर से 22 नवंबर 2021 तक सप्ताह भर चलने वाले समारोह के आयोजन की योजना बनाई है। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय लोगों की उपलब्धियों सहित अन्य योगदान को प्रमुखता पर रखा जाएगा।

पूर्व विभाग संयोजक कृष्ण गोपाल राय ने कहा इतिहास में संथाल, तामार, कोल, भील, खासी और मिज़ो जैसे कई जनजातीय समुदायों ने विभिन्न आंदोलनों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया था। वर्ष 2016 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के अनुरूप भारत सरकार ने देश भर में 10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को मंजूरी दी है।

मौके पर अभाविप नगर सह मंत्री दीपक कुमार सह पूर्व कार्यकर्त्ता सुरेश मरांडी,मुन्ना प्रसाद राय नयकी मरांडी रमेश मरांडी मंगरा हसदा सुरेंद्र हेम्ब्रम रूपा मरांडी सविता हसदा बड़की मुर्मू आदि दर्जनों आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

कृष्ण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट