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महंगाई झेल रहे लोगों को नहीं मिली राहत, नए साल में बिजली महंगी

पटना : महंगाई की मार हर तरफ से इसकदर हावी हो गया है कि लोग अक्सर परेशान रहने लगे हैं। नून-तेल से लेकर हर तरह की जरूरी चीजें महंगी हो गई है। इसी बीच बिजली कंपनियों की ओर से बिहार विद्युत विनियामक के समक्ष सोमवार को एक याचिका सौंपी गई है। जिसमें फिर से नए साल से बिजली बिल में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। इस याचिका पर जब आयोग अपनी जनसुनवाई करेगी उसके बाद यह दर लागू किया जायेगा जो कि 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा।

प्रतिकात्मक तस्वीर।

बिजली कंपनी हर साल 15 नवम्बर को आयोग को याचिका सौंपता रहा है। इस बार बिजली कंपनियों ने याचिका में आयोग से अनुरोध दायर किया गया है, कि बिजली आपूर्ति में खर्च वृद्धि हो गई है। जिसके चलते सभी तरह के बिजली श्रेणी में लगभग 10 फीसदी का इजाफा किया जाया। साथ ही शहरी घरेलू उपभोगताओं के शून्य से 100 यूनिट वाले स्लैब को रद्द कर तीन के जगह दो स्लैब किया जाय। पहला स्लैब शून्य से 200 यूनिट का और दूसरा 201 से अधिक के आधार पर लागू किया जाया।

बिजली कम्पनियों ने छोटे और बड़े उद्योगों को अलग-अलग श्रेणी में बाट दिया है। छोटे उद्योग को एलटीएसआई और बड़े उद्योग को एचटीएस श्रेणी में रखा है। बिजली कमनानियों का कहां है कि इससे यह पता लगाना आसान हो जायेगा की वास्तविक औद्योगिक कनेक्शन की संख्या कितनी है। हालांकि कम्पनियों द्वारा यह भी कहा गया की अलग-अलग श्रेणी होने से भी बिजली दरों पर इसका कोई असर नहीं होगा।

सौंपी गई याचिका पर विनियामक आयोग पहले खुद अध्ययन करेगी फिर प्रमंडलावर शिविर आयोजित कर आयोग लोगों से भी राय लेगी। उसके बाद पटना में दो दो दिनों की जनसुनवाई होगी। जनसुनवाई की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। उसके बाद आयोग के फैसले पर राज्य सरकार द्वारा अनुदान की घोषणा करके 1 अप्रैल से नई बिजली दर लागू होगी।