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कंगना रेनोट पर आचार्या का हमला, कहा : फर्जी झांसी की रानी तू देशद्रोही लगती

पटना : बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट के 2014 में देश को आजादी मिलने वाले बयान पर अब विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्या ने भी कंगना पर तीखा हमला किया है। रोहिणी आचार्या ने कहा है कि ‘ शहीदों की जान जिसे भीख लगती है,फर्जी झांसी की रानी तू देशद्रोही लगती है।

1947 में देश को मिली आजादी भीख

जानकारी हो कि, पद्मश्री से सम्मानित होने के दो दिन बाद कंगना ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। इसमें कंगना ने कहा था कि 1947 में देश को मिली आजादी भीख है। उन्होंने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 में मिली है।

जिसके बाद कंगना के इस बयान पर भाजपा सांसद वरुण गांधी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और अब लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्या ने भी निशाना साधा है।

अंधभक्तों के पप्पा का गुणगान किया जाएगा

रोहणी आचार्या ने कहा कि ‘नया इतिहास लिखा जाएगा, आजादी को भीख बता कर, अंधभक्तों के पप्पा का गुणगान किया जाएगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘आजादी को भीख बताया करती है हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान का अंधभक्तों के पप्पा के गुणगान में चरण वंदना किया करती है।’

शहीदों का अपमान किया करो, अंधभक्तों के पप्पा से पद्मश्री अवार्ड लिया करो

इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘शहीदों का अपमान किया करो, अंधभक्तों के पप्पा से पद्मश्री अवार्ड लिया करो’ ‘ये माफी… वीर सावरकर के वंशज हैं, आजादी को भीख बताकर पद्मश्री अवार्ड पा लेते हैं।”ये कौन सी आजादी दिलाई तूने, सत्ता के चरण वंदन में दासी का फर्ज निभाया तूने।’

कंगना रनौत से पद्म श्री सम्मान वापिस लेना चाहिए

मालूम हो कि इससे पहले रोहिणी आचार्या से पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, “महामहिम रामनाथ कोविंद अविलंब कंगना रनौत से पद्म श्री सम्मान वापिस लेना चाहिए। नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी, सावरकर सब के सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली। लानत है ऐसे कंगना पर। टाइम्स नाउ ऐसे टॉक के लिए माफी मांगे और सभी चैनल कंगना को बैन करें।”

महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान

वहीं, इससे पहले वरुण गांधी ने कहा था कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पांडेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’’