DM-SSP को माफी देते हुए जीवेश ने कहा- क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो

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पटना : क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो, इसी पंक्ति के साथ कल तक पटना के डीएम और एसएसपी पर कार्रवाई के लिए अड़े बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने माफी दे दी है। बीते दिन बिहार विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए सदन जा रहे मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी को पुलिस द्वारा रोक दिये जाने और डीएम-एसपी के काफिले को आगे बढ़ाने पर मचा बवाल थम गया है। मंत्री जीवेश मिश्रा ने डीएम और एसएसपी को माफ कर दिया है।

जांच जारी, जो भी धरातल पर दोषी होंगे उन पर कार्रवाई

कार्रवाई की मांग पर अड़े जीवेश मिश्रा ने रात्रि में डीएम और एसएसपी से मीटिंग के बाद माफी दे दी है। माफी देते हुए जीवेश मिश्रा ने कहा कि दोनों अधिकारी रात्रि के साढ़े 9 बजे मिलने आये और घटना को लेकर खेद जताया और अधिकारियों ने कहा कि जांच जारी है, जो भी धरातल पर दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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जीवेश मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं आसन का आभारी हूं कि आसन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और उचित कार्रवाई के दिशा में जांच जारी है।

विधानसभा अध्यक्ष हम सभी के संरक्षक

वहीं, इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक नंदकिशोर यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हम सभी के संरक्षक हैं और वह इस मामले पर जो भी फैसला लेंगे सदन को स्वीकार करना चाहिए, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और न ही इसे अन्य नजरिये से देखना चाहिये। कांग्रेस के विधायक विजय शंकर दुबे ने भी नंद किशोर यादव की बातों से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि जब तक यह मामला सदन में नहीं आया था, तब तक मंत्री जीवेश मिश्रा का व्यक्तिगत मामला हो सकता था। लेकिन, अब यह मसला सदन का है, इसलिए सदन को ही इस पर फैसला लेने चाहिए। भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा कि विधायकों के साथ अपमानजनक रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, मंत्री जीवेश मिश्रा के मामले में अगर डीएम और एसएसपी दोषी हैं, तो उन्हें सदन में बुलवाकर उनसे माफी मंगवानी चाहिए।

कैसे माने जीवेश

दिल्ली तक पहुंच चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक जीवेश मिश्रा दिल्ली में भाजपा आलाकमान को स्पष्ट संदेश दे चुके हैं कि अगर आलाकमान चाहता है कि मैं शांत हो जाऊं तो मैं शांत हो जाऊंगा, लेकिन सरकार में शामिल सबसे बड़े सहयोगी के रूप में भाजपा की इज्जत कुछ नहीं रह जाएगी। साथ ही सामान्य कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाएगा कि अफसरशाही अपने चरम पर है।

गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डाल दिया

डीएम और एसपी द्वारा हुए दुर्व्यवहार को लेकर नाराज जीवेश मिश्रा ने आलाकमान को स्पष्ट रूप से कह दिया कि जब मंत्री का कोई हैसियत नहीं रह जाएगा तो मंत्री होने का क्या मतलब? इसके बाद भाजपा आलाकमान के कुछ नेता जीवेश मिश्रा से पूरी जानकारी ली और सभी मजबूती से एक सुर मंत्री के साथ खड़े हो गए। हालांकि, मामला विधानसभा परिसर के होने की वजह से गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डाल दिया।

दिल्ली आलाकमान समझौते के मूड में नहीं

वहीं, जब इस बात की जानकारी नीतीश के करीबी अधिकारियों की लगी तो उन्होंने पटना के डीएम और एसएसपी को कहा कि मामले को रफा-दफा करो, वरना समस्या हो सकती है। क्योंकि, मामला दिल्ली तक पहुंच गया है और दिल्ली आलाकमान समझौते के मूड में नहीं है, समझौता खुद करना होगा। इसके बाद डीएम और एसएसपी लगातार मंत्री को फ़ोन करते रहे, लेकिन मंत्री ने फ़ोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद अधिकारियों ने जीवेश मिश्रा से बात करने के लिए डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से पहल करवाई, फिर देर रात गुप्त तरीके से पटना के डीएम और एसएसपी मंत्री के आवास पर उनको मनाने पहुंचे। इसके बाद ही इस मामले में नरमी आई।

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