बीते दिन दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी समेत भाजपा के तमाम दिग्गज नेता पहुंचे। सत्ताधारी दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने सर्वोच्च नेता के स्वागत के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए गए।
नतीजतन, पीएम मोदी के स्वागत में भिन्न-भिन्न प्रकार के बैनर और होर्डिंग लगाए गए। इतना करने के बावजूद बैठक का प्रबंधन कर रहे प्रबंधकों को लगा कि स्वागत व्यवस्था देखकर पीएम संतुष्ट नहीं होंगे, तो उन्होंने पीएम को आकर्षित करने के लिए कुछ महिलाओं को खड़ा करके उनके हाथों में दउरा ( छठ महापर्व के दौरान छठव्रती पहली अर्घ्य और दूसरी अर्घ्य के दौरान जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते हैं) थमाकर खड़ा कर दिया।
बहरहाल, उस समय प्रबंधकों को लगा होगा कि इससे बिहार और तमाम छठ पर्व करने वाले लोग खुश हो जाएंगे। लेकिन, उनका यह दांव उल्टा पड़ गया। लोग इसको लेकर भाजपा को भरा-बुला कहना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में राजद ने पीएम के उस तस्वीर को जारी कर कड़ा विरोध करते हुए सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार का ये फर्ज़ी बेटा अपनी आत्ममुग्धता में लोकपर्व को अपमानित कर उसे तार-तार कर दिया। नहाय-खाय एवं खरना से पूर्व ही अपने स्वागत में दउरा सजवा दिया। ये अहंकारी आदमी क्या खुद को भगवान भास्कर या सृष्टि के छठे भाग की स्वामिनी अर्थात सृष्टि देवी समझने लगा है? ये असहनीय अपमान है।
रिपोर्ट के आधार पर यह कहा जा रहा है कि पूर्वांचल की महिलाएं पीएम के स्वागत में पहुंची थी। वहीं, पीएम मोदी बैठक के लिए सेंटर के अंदर जा रहे थे, तभी उन्होंने छठ की गीत सुनी और मौजूद सभी महिलाओं से बात कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
हालांकि, राजद की ओर से ट्वीट कर विरोध दर्ज कराया गया है। अभी तक भाजपा की ओर से कोई सफाई नहीं आयी है। बहरहाल, आम जीवन में भी इस तरह की घटनाएं हो जाती है, जिसे लोग करना नहीं चाहते हैं। लेकिन, संवेदनशील संगठन द्वारा अतिसंवेदनशील महापर्व को लेकर इस तरह के कृत्य को असहनीय कहा जा रहा है।