नवादा : सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पर्व को श्रद्धा-भाव से दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। सूर्योपासना का महापर्व छठ आज 8 नवम्बर से शुरू हो गया। व्रतियों ने पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान के साथ व्रत का संकल्प ले कद्दू भात खाकर अनुष्ठान शुरू कर प्रसाद अपने लोगों को खिलाया। हालांकि सभी व्रतियों को मालूम है लेकिन हम नयी पीढ़ी के यह बता रहे हैं कि इस महापर्व के लिए क्या -क्या पूजन सामग्री जरूरी है।
संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए निर्जला व्रत किया जाता है। छठ पूजा में पूजा सामग्री का विशेष महत्व होता है और महिलाएं बहुत पहले से ही इन सामग्रियों की लिस्ट बना लेती हैं। आपको बताते हैं कि इसमें किन चीजों की जरूरत होती है।
छठ पूजा सामग्री :
-प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी टोकरियां
-बांस या फिर पीतल का सूप
-दूध-जल के लिए एक ग्लास
-एक लोटा और थाली
-5 गन्ने
-शकरकंद और सुथनी
-पान, सुपारी और हल्दी
-मूली और अदरक का हरा पौधा
-बड़ा मीठा नींबू
-शरीफा, केला और नाशपाती
-पानी वाला नारियल
-मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ
-चावल, सिंदूर, दीपक, शहद और धूप
-नए वस्त्र जैसे सूट या साड़ी लेना ना भूलें ।
छठ पूजा कार्यक्रम :-
9 नवंबर 2021, मंगलवार- पंचमी (खरना)
10 नवंबर 2021, बुधवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, गुरुवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ्य)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय समय – सुबह 6:40
सूर्यास्त समय – शाम 5:30
हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह हमेशा दीपावली के 6 दिन बाद पड़ता है ।यह व्रत करने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं। जिसके बाद छठी मैया की आराधना और सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाला यह महापर्व बिहार और झारखंड में छठ पूजा पर एक अलग ही धूम देखने को मिलती है। संतान की सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए इस दिन सूर्य देव और छठी मइया की पूजा की जाती है।नहाय खाय के साथ शुरु होने वाले इस पर्व में व्रती और महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं और फिर सूर्य देव और छठी मइया की अराधना करती हैं।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक छठी मइया सूर्य देव की बहन हैं। नहाय खाय के साथ शुरु होने वाला छठ पूजा का पहला दिन 8 नवंबर, 2021 को है। छठ का दूसरा दिन खरना 9 नवंबर को है। छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और रात में खीर का प्रसाद ग्रहंण किया जाता है। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है ।