ओम प्रकाश गर्ग जी के व्यक्तित्व और कृतित्व की कोई तुलना नहीं हो सकती- चौबे

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पिछले सप्ताह ही चौबे ने ओम प्रकाश गर्ग से अस्पताल में की थी मुलाकात

पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओम प्रकाश गर्ग के निधन पर पुराने संबंध को लेकर भाव विह्वल हो गए। गहरा शोक संवेदना प्रकट करते हुए चौबे ने गर्ग के निधन से मुझे व्यक्तिगत और संघ परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनसे जुड़े सभी व्यक्तियों,परिजनों और शुभचिंतकों को इस दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।

केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि मैं उनके तबीयत को लेकर लगातार चिंतित रहा और उनका कुशलक्षेम डॉ आर एन सिंह जी से लेता रहा। पिछले सप्ताह ही पटना में अस्पताल में जाकर उनसे मिला और हाल समाचार लिया था। उस समय पता नहीं था कि इतनी जल्दी वे हमसबको छोड़ कर चले जायेंगे।

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चौबे ने कहा कि मूलतः अलीगढ़ के रहने वाले स्व गर्ग को 1966 में भारतीय जनसंघ का दायित्व मिला। 1967 में उत्तर प्रदेश में संबित सरकार के गठन में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। 70 के दशक में आप बिहार में संघ कार्य के लिए भेजे गये। आपातकाल के दिनों में भूमिगत रहकर लगातार संघर्ष किया।

पटना, गया और शाहाबाद में संघ की जितनी गुप्त बैठकें होती थी, उसके सूत्रधार ओम प्रकाश जी ही होते थे। मेरा उनसे उसी समय से संपर्क रहा। यह संबंध उनके बिहार के प्रांत प्रचारक 1980 में बनने के बाद और ज्यादा प्रगाढ़ होते गए। जेपी आंदोलन में उनकी अतुलनीय भूमिका, अदभुत संगठनकर्ता और मृत्यु उपरांत अपना देहदान करनेवाले स्व गर्ग के व्यक्तित्व और कृतित्व की कोई तुलना नहीं हो सकती है।

 

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