सीएम नीतीश ने दिखाई बड़े भाई को औकात, कहा- बहुत देर से सुन रहे थे आपका लंबा भाषण
पटना : बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में सत्र के दौरान सरकार की भारी किरकिरी हुई। विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष के विधायकों ने भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
दरअसल, श्रम संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य में हो रही गड़बड़ी को लेकर यहां विपक्ष ने सवाल खड़े किए तो वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने भी इसको लेकर विपक्ष का साथ दिया। वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के तरफ से सवाल किए जाने पर विभागीय मंत्री की भारी फजीहत हुई। जिसको लेकर बाद में खुद मुख्यमंत्री को बीच-बचाव करने आना पड़ा।
बता दें कि, भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग क्षेत्र में बन रही या बनने वाली सड़कों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं देता है। क्षेत्र में सड़क का शिलान्यास,उद्घाटन हो रहा फिर भी कोई जानकारी नहीं दी जाती। सूचना मांगने के बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर सूची नहीं देते। आखिर विधायकों को सूचना नहीं देने के पीछे वजह क्या है, यह स्पष्ट होना चाहिए।
वहीं, नीतीश मिश्रा के इस सवाल पर पूरा सदन एक साथ हो गया। साथ ही आसन पर बैठे अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह तो विधायकों के मर्यादा से जुड़ा सवाल है। विधायकों को इस बात की जानकारी जरुर मिलनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने पहले ही आश्वस्त किया कि उद्घाटन शिलान्यास के बारे में जानकारी हर हाल में मिलनी चाहिए।
सभी विधायकों का नाम शिलान्यास-उद्घाटन के शिलापट्ट पर लगनी चाहिए
इसके बाद लगातार अपने मंत्रियों को घिरते देख खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाला और कहा कि हमने ही यह व्यवस्था की थी सभी विधायकों का नाम शिलान्यास-उद्घाटन के शिलापट्ट पर लगनी चाहिए। फिर भी कहीं कोई कमी है तो उसे बतायें। वहीं, सीएम नीतीश ने कहा कि आप का भाषण सुन रहे थे,आप भी तो मंत्री रहे ही हैं आपके समय में क्या काम होता था,अब नहीं हो रहा। कहीं कोई कमी है तो बता दीजिएगा। सीएम ने अपने पुराने और तल्ख अंदाज में भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा को कहा कि …समझ गये न?
भाजपा बड़े भाई की भूमिका में है और नीतीश कुमार छोटे भाई की भूमिका में
बता दें कि, इस सरकार ने भाजपा बड़े भाई की भूमिका में है और नीतीश कुमार छोटे भाई की भूमिका में, ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार सरकार चलाने के तरीकों में बदलाव देखने को मिलेगा। लेकिन, स्थिति जस की तस बनी हुई है, अभी भी भाजपा के कई विधायक इस सरकार की कार्यशैली को समझ नहीं पा रहे और उनके मन मुताबिक काम भी नहीं हो रहा है।
इसके पहले भाजपा के ही विधायक संजय सरावगी ने कहा कि दरभंगा के आरईओ के अधीक्षक अभियंता पैसे के साथ अगस्त महीने में ही मुजफ्फरपुर पुलिस के द्वारा पकड़े गये थे। उनके ठिकानों पर छापेमारी हुई और 67 लाख रूपए भी बरामद हुए। फिर भी वे दो माह तक पद पर बने रहे। अधीक्षक अभियंता की ऊपर तक पहुंच थी। इसी वजह से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं, इसके जवाब में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज ने कहा कि वे छुट्टी पर चले गये थे। इस मामले की जानकारी नहीं थी जानकारी मिलने पर अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। हालांकि उनके इस जवाब से विधानसभा अध्यक्ष भी संतुष्ट नहीं दिखे उन्होंने कहा कि आप तुरंत उस अधिकारी पर कार्रवाई करिये। अध्यक्ष ने सदन के सदस्यों की भावना को अवगत कराते हुए नियमन दे दिया कि सदन की संयुक्त कमिटि पूरे मामले की जांच करेगी।