पश्चिम के विचारों से नहीं, भारत के सनातन विचार से होगा वर्तमान समस्याओं का समाधान- राममाधव
पटना : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय अधिकारी व राष्ट्रीय विचारक राम माधव ने कहा कि वर्तमान समस्याओं का समाधान देने की क्षमता पश्चिम के विचारों के पास नहीं है। ऐसे में चीन जैसे नव उपनिवेशवादी शक्तियां भौतिक सुविधाओं से युक्त जीवन का लालच देकर घातक विचारों को आरोपित कर सकते हैं। यह भारत सहित संपूर्ण विश्व के मानव समाज के लिए खतरनाक होगा। ऐसी स्थिति में हिंदुत्व की जीवन पद्धति पर विचार को सामने लाने का मजबूत प्रयास किया जाना चाहिए। दीनदयाल उपाध्याय ने हिंदुत्व के सनातन विचार को देश और काल के अनुरूप रखा था। उस विचार को हम एकात्म मानववाद या एकात्म मानव दर्शन के नाम से जानते हैं। दीनदयाल जी द्वारा प्रतिपादित यह विचार वास्तव में भारत का सनातन विचार है। राम माधव हाल ही में प्रकाशित अपनी पुस्तक हिंदुत्व पैराडाइम के विमोचन व परिचर्चा समारोह में बोल रहे थे।
हमलोग बिलीवर नहीं बल्कि सीकर परंपराग वाले लोग
उन्होंने कहा कि भारत जब आजाद हुआ था, उस समय भारत को अपने विचार को सामने लाकर उसके अनुरूप विकास का मॉडल तय करना था। लेकिन, 70 साल गुजर गए और हम ऐसा नहीं कर सके। जबकि हमारे पास ऐसे सनातन विचार हैं जो काल और देश सीमा से परे है। उनमें काल के अनुसार बदलाव की पूरी संभावना है। हम बिलीवर नहीं बल्कि सीकर यानी ज्ञान की खोज की परंपरा वाले हैं।
धन का अभाव और धन का प्रभाव दोनों ही मानव समाज के लिए घातक
पटना स्थित अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान सभागार में शुक्रवार को आयोजित इस समारोह में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दीनदयाल जी ने एकात्म मानव दर्शन के माध्यम से विश्व के समक्ष यह विचार रखा कि धन का अभाव और धन का प्रभाव दोनों ही मानव समाज के लिए घातक है। दीनदयाल जी ने उस समय विश्व में प्रचलित दो विचारधाराओं की कमियों को सामने लाते हुए भारत का संपूर्ण जीवन दर्शन प्रस्तुत किया था। यह विचार मनुष्य का संपूर्णता के साथ विचार करता है, जिसमें मानव का शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा सबके सामने रखकर संपूर्ण विकास के बात की गई।
हिंदुत्व एक संपूर्ण जीवन पद्धति
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान ने कहा कि भारत का सनातन विचार जिसे हिंदुत्व कहते हैं, वह किसी सीमा में बंधा हुआ नहीं है। बल्कि, सतत प्रवाह मान रहने वाला विचार है, जिसके केंद्र में मनुष्य है। लेकिन, इसके साथ ही सभी जीव-जंतु और प्रकृति का सम्मान व सुरक्षा भी निहित है। इसीलिए यह हिंदुत्व एक संपूर्ण जीवन पद्धति है।
पश्चिम का जीवन दर्शन कुछ लोगों के सुखी होने की कामना करता
समारोह में उपस्थित चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति जस्टिस मृदुला मिश्रा ने कहा कि भारत का चिंतन दर्शन सर्वे भवंतु सुखिनः का उद्घोष करता है, जबकि पश्चिम का जीवन दर्शन कुछ लोगों के सुखी होने की कामना करता है।
वामपंथी लेखकों के कारण इतिहास लेखन में त्रुटि
समारोह में उपस्थित महावीर मंदिर न्यास पटना के सचिव किशोर कुणाल ने कहा कि भारत के इतिहास लेखन और अकादमिक संस्थानों पर वामपंथी विद्वानों का राज था। इसके कारण भारत के इतिहास लेखन में त्रुटि रही। भारत का इतिहास लेखन भारत की दृष्टि से ना होकर औपनिवेशिक काल की परंपरा में होती रही। भारत का इतिहास असत्य तथ्यों के आधार पर इस प्रकार से लिखा गया ताकि राम एक काल्पनिक चरित्र प्रमाणित हो जाएं। लेकिन, असत्य पर आधारित वह अकादमी प्रयास सफल नहीं हो सका।