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पंचकोसी परिक्रमा से जीवंत रहेगा बक्सर का महत्व : अश्विनी चौबे

पंचकोसी यात्रा के पड़ाव स्थल पर मूलभूत सुविधाओं के साथ अतिथिशाला के निर्माण की है योजना

अंजनी सरोवर का होगा जीर्णोद्धार

बक्सर : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बक्सर के इतिहास को लोक मानस में संजोए रखने में पंचकोसी परिक्रमा की भूमिका प्रमुख है। भारत के अन्य तीर्थों की तरह अगहन मास की पंचमी तिथि को यह परिक्रमा लोकउत्सव के साथ करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इसमें शामिल होना परम सौभाग्य की बात है।

केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे शनिवार को पंचकोसी परिक्रमा के चतुर्थ पड़ाव अंजनी सरोवर बड़का नुआंव पहुंचे। उन्होंने बसाव मठ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पंचकोसी के पांचों पर पड़ाव स्थल पर मूलभूत सुविधाओं से युक्त अतिथिशालों के निर्माण का विचार है। साथ ही अंजनी सरोवर के जीर्णोद्धार योजना भी तैयार की गई है। इसके लिए उन्होंने 15 लाख राशि की भी घोषणा की।

चौबे ने कहा कि कोविड की वजह से पंचकोसी परिक्रमा को लेकर जो कार्य योजना तैयार किया गया है उसमें देरी हुई है। उसे तेजी से मूर्त रूप दिया जाएगा। संत, श्रद्धालु व भक्तजन सिद्धाश्रम क्षेत्र यानी बक्सर में स्थित उन पांच प्रमुख ऋषियों की तपोभूमि पर जाते हैं। जहां भगवान श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण के साथ जाकर रात्रि विश्राम किए थे। उन्होंने पंचकोसी परिक्रमा के भी महत्व पर भी प्रकाश डाला।

यात्रा में आये श्रद्धालु

वाराह पुराण में पंचकोसी विधि का वर्णन मिलता है। वही नारद पुराण और स्कंधपुराण में इस पुण्यक्षेत्र के महत्व की चर्चा मिलती है। वहीं बाल्मिकी रामायण में इस पंचकोसी यात्रा की परंपरा के पीछे की कथा का संदर्भ मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत के पुरुषार्थ के प्रतीक भगवान श्रीराम की शिक्षा, दीक्षा, परीक्षा की प्रथम कर्मभूमि सिद्धाश्रम बक्सर के गौरवशाली अतीत को पुनर्जागृत करने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस मौके पर पूर्व भाजपा प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी जिला अध्यक्ष माधुरी कुंवर, छविनाथ त्रिपाठी सहित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

तीर्थस्थलों का भ्रमण करते चौबे व अन्य