नवादा : हिंदू धर्म में दिपावली के त्योहार का विशेष महत्व है। दिपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस के त्योहार के साथ होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है।
क्यों मनाते है धनतेरस:-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रभु धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ होता है। इस तिथि को धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। धनतेरस के दिन बर्तन और गहने आदि की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है।
महालक्ष्मी की पूजा:-
धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है। इस दिन भगवान कुबेर की पूजा का भी विधान है।
शुभ मुहूर्त:-
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:25 मिनट से शाम 6:00 बजे तक।
प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक।
वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक।
धनतेरस की पूजा विधि:
-सबसे पहले एक पूजा की चौकी लेकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
-अब गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो रख ले।
-फोटो के सामने देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
-अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें। भोग में कुछ मीठा लगाए।
-अब आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वेलरी की खरीदारी की है, उसे चौकी पर रखें।
-लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें।
-धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें।